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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दो चरण पार हो चुके हैं। अब तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के उन आरोपों की जमकर आलोचना की और उसे बेबुनियाद ठहराया, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए कर रही है। न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने ईडी, सीबीआई और ईवीएम पर विपक्ष के आरोपों पर खुलकर जवाब दिया।
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले सीबीआई और ईडी तो उनके ही हाथों की कठपुतली थी, फिर वो चुनाव कैसे हार गए। प्रधानमंत्री ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंकाओं को भी बेबुनियाद बताया और कहा कि इतने बड़े देश में एक नगर निगम का चुनाव भी फिक्स नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष दुनिया को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहा है।
एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “2014 में उनके पास ईडी और सीबीआई थी, फिर वे क्यों हार गए? उन्होंने मेरे गृह मंत्री (अमित शाह तब गुजरात के गृह मंत्री होते थे) को भी जेल में डाल दिया था, फिर वे क्यों हार गए? अगर ईडी-सीबीआई से चुनाव जीते जा सकते थे, तो ईडी-सीबीआई का काम कांग्रेस ने सालों से किया है, वे सभी चुनाव जीत जाते।”
पीएम ने कहा, “आप इतने बड़े देश का चुनाव फिक्स नहीं कर सकते, यहां तक कि एक नगर पालिका का चुनाव भी आप फिक्स नहीं कर सकते हैं। क्या यह फिक्सिंग संभव है? वे सिर्फ दुनिया को बेवकूफ बना रहे हैं। दुख की बात यह है कि मीडिया उन लोगों से पूछने के बजाय हमसे पूछता है।” पीएम ने कहा कि ये आरोप इंडिया अलायंस की निराशा से उपजा है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से ये लोग इतने निराश हो गए हैं कि बहाने ढूँढ रहे हैं क्योंकि हार के बाद भी आपको लोगों के सामने जाना होता है। इसलिए मुझे लगता है कि शायद वे पहले से ही ये सारे बहाने ढूँढ रहे हैं। यह शायद उनकी अंदरूनी रणनीति का हिस्सा है।”
पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणा-पत्र की भी आलोचना की और कहा कि यह मुस्लिम लीग से प्रभावित है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संपत्ति के पुनर्वितरण के विचार को ‘अर्बन नक्सल’ की सोच बताया। उन्होंने कहा, “एक्स-रे का मतलब है, हर घर में छापा मारना। अगर किसी महिला ने अन्नाज के बड़े-बर्तन में सोना छिपाकर रखा है, तो उसका भी एक्स-रे किया जाएगा। उन महिलाओं के गहने जब्त किए जाएंगे। जमीन-जायदाद के कागजों की जांच की जाएगी और इन सब संपत्ति का पुनर्वितरण किया जाएगा। ऐसे माओवादी विचारधारा ने कभी भी दुनिया की मदद नहीं की है। यह पूरी तरह से ‘अर्बन नक्सल’ की सोच है।”