चोपन (मनोज चौबे)
– 10 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्रों का समय से नहीं हो रहा भुगतान
– चेक के लिए प्रधान डाकघर सोनभद्र जाने की मिल रही सलाह
– पोस्टमास्टर जनरल को पत्र लिखकर विसंगतियों को दूर करने की मांग
चोपन। डाकघरों के माध्यम से संचालित होने वाली भारत सरकार की अल्प बचत योजनाओं को विभागीय जिम्मेदारों के तुगलकी फरमान और कार्यशैली से पलीता लग रहा है।जमाकर्ताओं को अपना ही पैसा वापस लेने के लिए भारी फजीहत उठानी पड़ रही है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है।मिली जानकारी के अनुसार करीब एक दशक पूर्व जब 10 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र संचालित थे तो उस समय भारी तादाद में जमाकर्ताओं ने अपने अपने क्षेत्रों के उप डाकघरों के माध्यम से इन बचत पत्रों में निवेश किया था जो अब धीरे धीरे पूर्ण हो रहे हैं।चोपन डाकघर में भी ऐसे तमाम जमाकर्ता हैं जिन्हें अब समयावधि पूर्ण होने के बाद भुगतान लेना है।अपनी समस्याओं का उल्लेख करते हुए तमाम जमाकर्ताओं ने बताया कि अब जब उनके बचत पत्र पूर्ण होने पर वह संबंधित डाकघर पहुंचे रहे हैं तो विभागीय अधिकारी कहते हैं कि यह बचत पत्र आनलाइन दर्ज नहीं है तो उन्हें प्रार्थना पत्र के साथ फोटो, के वाई सी फार्म भरकर आधार, पेन कार्ड, बचत पत्र की छाया प्रति लाकर जमा करें जिसे प्रधान डाकघर भेजा जायेगा और इसमें करीब एक माह का समय लग सकता है।इतना करने के बाद फिर बताया जा रहा है कि जमा कर्ता प्रधान डाकघर सोनभद्र में मूल बचत पत्र के साथ संपर्क करे तो वहाँ से चेक जारी हो जायेगा।जनपद के सूदूर वर्ती नगरीय एवं ग्रामीण अंचलों के महिला/पुरुष जमाकर्ताओं को अपना ही पैसा वापस लेने के लिए नौ मन तेल जलाना पड़ रहा है जिसका कुप्रभाव डाकघर की बचत योजनाओं पर पड़ना स्वाभाविक है लेकिन इससे अधिकारियों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता।जनहित में जमाकर्ताओं की समस्याओं को देखते हुए विभागीय उच्चाधिकारी इसे संज्ञान में लेकर जिम्मेदारों की लापरवाही से आनलाइन होने से रह गए सभी बचत पत्रों को आनलाइन दर्ज कराने एवं इनका समयबद्ध भुगतान जमाकर्ताओं को उनके स्थानीय डाकघर से ही बचत खाते के माध्यम से कराये जाने की मांग की गई है।