Fact Check: भारत में केंद्र सरकार सोमवार 11 मार्च को सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। नोटिफिकेशन के जारी होते ही देशभर में नया नागरिकता कानून लागू हो गया। अब 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये गैर मुस्लिम नागरिकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने ऐसे शरणार्थियों से आवेदन भी मांगे हैं।
भारत में CAA लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर तमाम फेक न्यूज भी फैलने लगीं। कुछ लोग दावा करने लगे कि इस कानून से देश में मुस्लिम समाज के लोगों की नागरिकता छीन ली जाएगी। जबकि सच्चाई यह है कि यह कानून नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए लाया गया है इसके साथ ही हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट वायरल होने लगा।
क्या हुआ वायरल?
इस वायरल ट्वीट में लिखा गया, “भारत सरकार के अलोकतांत्रिक और सांप्रदायिक CAA का मुकाबला करने के लिए, पाकिस्तान सरकार ने भी अपने CAA को अधिसूचित करने का निर्णय लिया है। जिसमें भारत में प्रताड़ित महसूस करने वाले भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान की नागरिकता दी जाएगी।”
सोशल मीडिया पर क्या किया गया दावा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को यूजर आयशा ने साझा करते हुए लिखा, “वाह शहबाज शरीफ ने क्या मास्टरस्ट्रोक चला है। यह उन भारतीय मुसलमानों के लिए अच्छी खबर है जो भारत में खुश नहीं हैं। अब वे आसानी से पाकिस्तान जा सकते हैं।” आयशा के अलावा कई अन्य यूजरों ने इस स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर साझा किया।
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “यदि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान अपनी सीमाएं खोल दें, तो इसकी संभावना नहीं है कि कोई भी भारतीय मुसलमान इनमें से किसी भी देश में जाने का विकल्प नहीं चुनेगा। हालांकि, यदि भारत अपनी सीमाएं खोलता है, तो संभावित रूप से 500 मिलियन मुसलमानों का देश में प्रवेश हो सकता है।”
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में सामने आई सच्चाई
शाहबाज शरीफ के इस स्क्रीनशॉट के साथ हमने कई ऐसे पोस्ट देखे। सभी ने अलग-अलग बातें लिखी हुई थीं। वायरल हो रही इस स्क्रीनशॉट का इंडिया टीवी ने फैक्ट चेक किया। फैक्ट चेक में इसकी सच्चाई सामने आ गई। हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ का आधिकारिक एक्स एकाउंट खंगाला। हमें ऐसा कोई भी ट्वीट उनकी टाइम लाइन पर नजर नहीं आया।
Fact Check
इंडिया टीवी पर खबर लिखे जाने तक उनका आखिरी ट्वीट 16 मार्च का था और उससे पहले का ट्वीट 10 मार्च का है। वहीं भारत में CAA का नोटिफिकेशन ही 11 मार्च की शाम को जारी हुआ। इसके साथ ही हमने गूगल और पाकिस्तानी मीडिया में उनके इस बयान के बारे में खोजा। इस दौरान हमें एक भी खबर उनके इस ट्वीट से जुड़ी हुई नहीं मिली।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में यह साबित हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के नाम से वायरल हो रही यह पोस्ट पूरी तरह से फर्जी है। इसे किसी असामाजिक तत्व ने एडिट करके पोस्ट किया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत में लागू हुए CAA को लेकर कोई भी बयान और टिप्पणी अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा नहीं की है। इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में यह साबित हो गया कि यह दावा पूरी तरह से गलत है।