Lok Sabha Seat Lakhimpur Kheri: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के तीसरी बार चुनावी मैदान में आने से खीरी लोकसभा सीट वीआईपी बन गई है। इस सीट पर भाजपा ने टेनी पर भरोसा किया है तो समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन की ओर से पूर्व विधायक उत्कर्ष वर्मा को टिकट दिया गया है। बसपा के पत्ते अभी खुलने बाकी हैं। यहां भाजपा और सपा की सीधी टक्कर होने की उम्मीद है। भाजपा के सामने प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है तो सपा वापसी के लिए दम लगा रही है।
खीरी सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन से पहले ही सपा ने दो बार के विधायक उत्कर्ष वर्मा को मैदान में उतार दिया था। इसके बाद सबकी निगाहें भाजपा के टिकट पर थीं। तमाम अटकलों के बीच भाजपा ने एक बार फिर यहां के वर्तमान सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को प्रत्याशी घोषित कर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। टेनी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद तमाम किसान संगठनों की प्रतिक्रिया भी आ रही है। सपा को जहां जातीय समीकरणों के साथ-साथ किसान संगठनों से मदद की पूरी उम्मीद है, वहीं भाजपा को केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, विकास कार्य, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे और अपनी रणनीति पर पूरा भरोसा है।
चर्चित वर्मा परिवार इस बार चुनावी मैदान से बाहर
खीरी संसदीय सीट पर 2009 से पहले तक ज्यादातर एक ही परिवार का दबदबा रहा। आजादी के बाद से यहां वरिष्ठ नेता बाल गोविंद वर्मा लंबे समय तक कांग्रेस के सांसद रहे। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी ऊषा वर्मा सांसद रहीं। उनके बाद उनके बेटे रवि वर्मा ने सपा का दामन थामा और वह भी तीन बार के लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद रहे। पिछले लोकसभा चुनाव में रवि वर्मा ने अपनी बेटी डॉ. पूर्वी वर्मा को सपा-बसपा गठबंधन का प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गईं।
बताया जाता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बेटी डा. पूर्वी के लिए कांग्रेस से टिकट की उम्मीद थी। इस बीच सपा-कांग्रेस के गठबंधन के कारण यह सीट सपा के खाते में चली गई। सपा ने उत्कर्ष वर्मा को पहले ही प्रत्याशी बना दिया। कई दशकों बाद पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि जिले का चर्चित वर्मा परिवार का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं होगा। खीरी सीट पर भाजपा लगातार दो चुनावों से जीत रही है। टेनी ने 2019 के चुनाव में सपा प्रत्याशी डॉ. पूर्वी वर्मा तो 2014 में बसपा उम्मीदवार अरविंद गिरी को हराया था।
1993 में भाजपा से जुड़े अजय मिश्र
अजय मिश्र टेनी निघासन इलाके के बनवीरपुर गांव के रहने वाले हैं
बीएससी-एलएलबी तक की शिक्षा हासिल की है
1993 में वह सक्रिय राजनीति में आए और भाजपा की सदस्यता ली
2012 में पहली बार निघासन विधानसभा सीट से विधायक बने
2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते
2019 में फिर भाजपा के टिकट पर जीत कर संसद पहुंचे
2021 में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए, टेनी को सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया
कब-कौन जीता
वर्ष प्रत्याशी पार्टी
1957 कुशवक्त राय प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1962 बालगोविंद कांग्रेस
1967 बालगोविंद कांग्रेस
1971 बालगोविंद कांग्रेस
1977 सूरत बहादुर शाह भारतीय लोकदल
1980 बालगोविंद वर्मा कांग्रेस
1984 उषा कुमारी कांग्रेस
1989 उषा कुमारी कांग्रेस
1991 गेंदन लाल कनौजिया भाजपा
1996 गेंदन लाल कनौजिया भाजपा
1998 रवि प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी
1999 रवि प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी
2004 रवि प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी
2009 जफर अली नकवी कांग्रेस
2014 अजय कुमार भाजपा
2019 अजय कुमार भाजपा
विधानसभा क्षेत्र
लखीमपुर, गोला, निघासन, श्रीनगर, पलिया
खीरी लोकसभा सीट क्यों है खास
खीरी लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र लखीमपुर सदर, पलिया, गोला, निघासन, श्रीनगर शामिल हैं
इसी लोकसभा क्षेत्र में दुधवा नेशनल पार्क है जो बाघ, गैंडों के लिए विख्यात है
खीरी में ही गोला गोकर्णनाथ का प्राचीन शिव मंदिर है
खीरी लोकसभा क्षेत्र में मांडूक तंत्र पर आधारित ओयल का मेढक मंदिर भी है
खीरी लोकसभा क्षेत्र में 24 जनजातीय बाहुल्य गांव हैं, यहां थारू जनजाति के लोग रहते हैं
इस सीट के दो विधानसभा क्षेत्रों में 53 हजार थारू आबादी निवास करती है
लोकसभा क्षेत्र से नेपाल की सीमा भी लगती है