म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– मानव शरीर में आर्सेनिक के प्रभाव को रोकने के लिए चल रहा शोध
म्योरपुर। दक्षिणांचल में आर्सेनिक के मौजुदगी और प्रभाव तथा उसके मानव शरीर में निष्क्रिय करने के लिए बीएचयू आयुर्वेदिक संस्थान शोध करेगा।बुधवार को डा रोमेश जायसवाल ने म्योरपुर ब्लॉक के खैराही किरवानी, गंभीरपुर, रनटोला के संभावित मरीजों का सैंपल बाल और नाखून के रूप में लिया और लक्षण देखते हुए बताया की क्षेत्र में आर्सेनिक पानी के माध्यम से मानव शरीर में पहुंचने के लक्षण दिख रहे है।जिसका बड़े पैमाने पर सैंपल अप्रैल माह में किया जाएगा।इसके लिए बीएचयू की एक बड़ी टीम क्षेत्र में सैंपल लेगी और शोध करेगी।डा जायसवाल ने बताया कि नाखून में धारी दर चिन्ह, पीठ पर और हथेली में दानेदार चिकती, अंगो में सूनापन जैसे लक्षण आर्सेनिक के हो सकते है।टीम हैवी मेटल की जांच भी करेगी।बताते चले कि क्षेत्र में फ्लोराइड, मरकरी की जांच तो हुई है उससे हजारों लोग पीड़ित भी बताए जा रहे है।आर्सेनिक का क्षेत्र में पहली बार मानव शरीर में मौजुदगी पर शोध अब बीएचयू का आयुर्वेदिक संस्थान शुरू कर रहा है।