बभनी (चंद्रसेन पांडेय)
बभनी। बभनी विकास खण्ड के बभनी बाजार में स्थित शिव मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को कृष्ण की लीलाओं का वर्णन कथा वाचक द्वारा किया गया।अयोध्या धाम से पधारे कथा वाचक उद्धव शरण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मन को शांति मिलती है।उन्होंने कहा कि मानव द्वारा धर्म कार्य में जो खर्च होता है उस धन का अनन्त गुना धन प्राप्त होता है।कथा व्यास ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है।कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मनुष्य को पुण्य तो सिद्ध होते हैं परंतु मानस पाप नहीं होते।कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है।कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है।सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।इसके लिए कठिन तपस्या और यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है।जबकि सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में ऐसा नहीं था।कलयुग में ईश्वर का जाप, पूजन,हवन करने से जीवन सफल हो जाता है।हवन करने से वातावरण, वायुमंडल शुद्ध होता है।कलयुग में पूजा पाठ,यज्ञ आदि ही जीवन सफल करने का एक मात्र साधन है।आचार्य बृजेश त्रिपाठी ने विधि विधान से पूजा अर्चना राया।कथा में मुख्य रूप से बाबूराम गुप्ता, प्रेमचंद, विजय कुमार, आनंद कुमार, सुभाष चन्द्र, मिथिलेश कुमार, हीरालाल, अनुज कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।