बभनी (चन्द्रसेन पांडेय)
– 22 जनवरी 2024 को अपने गांव के मंदिरों में हों एकत्र और मनाएं उत्सव- मनोज
बभनी। अयोध्या में श्री रामलला विराजमान के मंदिर में अक्षत की पूजा की गई और फिर अक्षत को पीतल के कलश में भरकर अयोध्या पहुंचे स्वयंसेवकों को सौंपा गया।देश भर के 45 प्रान्तों से स्वयंसेवक अयोध्या पहुंचे थे।अब इन कलश को देश के विभिन्न स्थानों पर ले जाया जाएगा।इस कार्य के लिए स्वयं सेवकों के साथ साथ विभिन्न संगठन भी भण्डारा के साथ साथ अन्य कार्यों में सहयोग दें रहे हैं।क्षेत्र सह संपर्क प्रमुख मनोज ने सेवाकुंज आश्रम कारीडांड चपकी में बैठक में कहा कि प्रत्येक कलश में 5 किलो पीले अक्षत हैं।कलश के साथ श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित पत्रक भी दिया गया है।इस पत्रक में सभी राम भक्तों से अपील की गई है कि वे 22 जनवरी 2024 को अपने पास के मंदिर में आनंद उत्सव के तौर पर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को मनाएं।22 जनवरी को सुबह 11 बजे से 1 बजे के बीच सभी राम भक्त अपने पास के मंदिर में एकत्र होकर भजन-कीर्तन करें।इसके साथ ही शाम को अपने घर में दीप प्रज्वलित करके भगवान श्रीराम के मंदिर में स्थापित होने का उत्सव मनाएं।मनोज जी ने बताया कि अक्षत वितरण और घर-घर संपर्क का विशेष कार्यक्रम 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक चलेगा।इस अभियान में देश के 10 करोड़ परिवारों से सीधे संपर्क किया जाएगा।दर्शन के लिए प्रांत वार कार्यक्रम तैयार किया गया है।उसी क्रम के अनुसार दर्शन के लिए बुलाया जाएगा।दर्शनार्थियों के ठहरने एवं भोजन आदि की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट की ओर से की जाएगी।26 जनवरी से रोजाना दर्शन का कार्यक्रम चलेगा, जिसमें प्रांत वार 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए आमंत्रित किया गया है।उन्होंने बताया कि इस अवसर पर गांव गांव में मंदिरों में पाठ पूजा अखंड रामायण, हरिकिर्तन का आयोजन किया जाये।घरों को गलियों को सजाया जाय।कहा कि 500 साल बाद संघर्ष के बाद राम मंदिर के रूप में स्वतंत्र भारत में सनातन धर्म का अभ्युदय हो रहा है।इस अवसर जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लें और पूरा राममय नजर आये।इस अवसर पर क्षेत्र सह संगठन मंत्री आनंद, केंद्र प्रमुख कृष्ण गोपाल, सीताराम,बाबा कुंदन दास, ॠषिकेश पांडेय, शक्ति सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।