डाला (गुड्डू तिवारी/राकेश अग्रहरि)
डाला। नशा जीवन को बर्बाद कर देता है इसे छोड़ने का संदेश रविवार को एक सम्मानित, संघर्षशील सरल व सहज पुरूष ने विश्वकर्मा पूजा के दिन नशे का परित्याग कर दिया।इस दौरान क्षीरसागर कल्याण योजना द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।उन्होंने आव्हान किया कि नशा को छोड़ें और शाकाहारी बनें यह जीवन के लिए अच्छा है।मन में दृढ़ इक्षा शक्ति हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता उक्त बातें क्षेत्र में नशामुक्ति अभियान चला रहे क्षीरसागर कल्याण योजना के संयोजक अखिलेश पांडेय ने नशा का परित्याग करने वाले महान पुरुष को सम्मानित करते हुए कही।उन्होंने कहा की चौबे जी ने नशा जैसे दुर्व्यसन का शपथ पूर्वक परित्याग कर समाज के लिए एक मिशाल कायम किया हैं।उनके इस विचार से क्षेत्र के लोगों में काफी हर्षोलास है।नशे में संलिप्त अन्य लोगों को संदेश देते हुए कहा कि बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, शराब, हेरोइन, गांजा, चरस आदि नशीली पदार्थों का नशा कई तरह की बुराई को जन्म देता हैं।नशा करने के बाद मानव अपने शरीर के बस में नहीं रहता और तरह-तरह के अपराध करता है इतना ही नहीं तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित होकर परेशान होता है, ऐसे में जरूरी है कि नशा का त्याग करें।शाकाहारी होने से मानव भक्ति के मार्ग में चलकर धार्मिक जीवन की ओर अग्रसर होता है।नशा और मांसाहारी भोजन को त्यागकर एक अच्छा जीवन जी कर समाज का निर्माण किया जा सकता हैं।इस दौरान शपथ ग्रहण तथा सम्मान समारोह में अनिल वर्मा, हंसराज चौधरी, ओम वर्मा, अनवर, हेमन वर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।