ओबरा (पीडी राय/सौरभ गोस्वामी)
ओबरा। ओबरा इण्टर कॉलेज को निजी हाथों में सौंप दिया गया है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी, ओबीसी, जरूरतमंद गरीब विद्यार्थियों के साथ घोर अन्याय है जबकि हमारा संगठन हमेशा से ओबरा इण्टर कॉलेज के प्रांतीयकरण करने की माँग कर रहा है, जिसे दरकिनार करते हुए कॉलेज को निजी हाथों में सौंप दिया गया है।इसके विरोध में ओबरा इण्टर कॉलेज बचाओ संघर्ष समिति ने 11 अप्रैल 2023 को ओबरा इण्टर कॉलेज के प्रांगण में धरना दिया गया था।12 अप्रैल 2023 को उप-जिलाधिकारी ने छात्रों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देकर धरने से छात्रों को उठा दिया था।उक्त बातें ओबरा इंटर कॉलेज बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आनंद कुमार ने कही।तीन सूत्री मांगों के बारे में आनंद ने कहा कि ओबरा इण्टर कॉलेज ओबरा उत्पादन निगम या सार्वजनिक या प्रांतीकरण या राजकीय क्षेत्र में पूर्व की भाँति संचालित किया जाए, जो कि जनहित में होगा।कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी०एस०आर०) का धन (सी०एस०आर०) के मद में ओबरा और निकटवर्ती क्षेत्रों में ही किया जाए न कि डी०ए०वी० या उसके जैसे किसी अन्य संस्थान को दिया जाए जिसमें गरीब बच्चों की पढाई न हो सके।सी०एस०आर० के धन को ओबरा इण्टर कॉलेज और स्थानीय विद्यालय को देकर पूर्व की भाँति न्यूनतम शुल्क पर ही पढ़ाई की जाए।सी०एस०आर० के धन की जाँच कराई जाए।विद्यार्थियों की समस्याओं को नजर अंदाज किया जा रहा है, वहीं शिक्षकों को भी कॉलेज कैंपस में अपमानित किया जा रहा है।संबंधित मांगों पर कहा कि गंभीरतापूर्वक हमारी मांगों को पूर्ण करने का प्रयत्न करें अन्यथा की स्थिति में हमारा संगठन एक सप्ताह बाद धरने के लिए बाध्य होगा।