सोनभद्र (राजेश पाठक)
– 35 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
– साढ़े 20 वर्ष पूर्व हुए शिवकुमार हत्याकांड का मामला
सोनभद्र। साढ़े 20 वर्ष पूर्व हुए शिवकुमार हत्याकांड के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी एकलाख अहमद को उम्रकैद व 35 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थानांतर्गत टैक्सी स्टैंड ओबरा निवासी राजकुमार केशरी पुत्र स्वर्गीय सालिक राम केशरी ने ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 3 अगस्त 2002 को उसका भाई शिवकुमार कुछ लोगों को अपनी गाड़ी से विंध्याचल दर्शन कराने लेकर गया था। जिसके वापस न आने के संबंध में थानाध्यक्ष ओबरा को 5 अगस्त 2002 को सूचना दी गई थी।इधर पूरा परिवार शिवकुमार की खोजबीन में जुट गया।तभी पता चला कि एक लाश घोरावल थाना क्षेत्र मे मिली है।जब परिवार वालों के साथ घोरावल गया तो शव की शिनाख्त शिवकुमार के रूप में हुई।जिससे पूर्ण विश्वास है कि जो लोग विंध्याचल दर्शन करने गए थे उन्हीं लोगों ने हत्या करके लाश को फेक दिया है।इस तहरीर पर अज्ञात में एफ आई आर दर्ज किया गया।मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में बिहार प्रांत के बक्सर जिला अंतर्गत धनसेई थाना क्षेत्र के छतवाना गांव निवासी एकलाख अहमद पुत्र शेख वाशिल अहमद समेत चार लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।तीन लोगों के मुकदमें का पूर्व में ही निस्तारण हो चुका है।एकलाख अहमद अदालत में हाजिर नहीं आ रहा था जिसकी वजह से इसकी पत्रावली को अलग कर दी गई थी।मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी एकलाख अहमद को उम्रकैद व 35 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।