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Agriculture News: किसान संग्राम सिंह ने लोकल 18 से कहा कि वह ड्रैगन फ्रूट के साथ केला और सब्जियों की सहफसली खेती करते हैं. एक बेड से दूसरे बेड़ की दूरी 10 फिट और पौधे से पौधे की दूरी सात फिट रहती है. इससे पौधों के बीच जो जमीन बचती है,
इस किसान ने सहफसली की खेती कर उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा हो रहा है. जिसके लिए वह कई सालों से सहफसली की खेती कर रहे है. बाराबंकी जिले के हरख ब्लॉक के सैदहा गांव निवासी प्रगतिशील किसान संग्राम सिंह ने केला व ड्रैगन फ्रूट के साथ सब्जियों की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा फायदा देखने को मिला आज वह करीब आधे एकड़ में सहफसली की खेती कर एक फसल पर लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं
ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों रुपये कमा रहे हैं
सहफसली की खेती करने वाले किसान संग्राम सिंह ने लोकल 18 से कहा कि वह ड्रैगन फ्रूट के साथ केला और सब्जियों की सहफसली खेती करते हैं. एक बेड से दूसरे बेड़ की दूरी 10 फिट और पौधे से पौधे की दूरी सात फिट रहती है. इससे पौधों के बीच जो जमीन बचती है, उसमें लहसुन भिंडी लोबिया बैगन, खीरा जैसी सब्जियां उगाते हैं. धूप में ड्रैगन फ्रूट के पौधे खराब न हों, इसके लिए 10 फिट पर केला का पौधा भी रोपते हैं. केला का पौधा बड़ा होकर छांव देने का भी काम करता है. जो ड्रैगन फ्रूट के लिए लाभदायक है वही एक एकड़ में केला की भी फसल लगा रखी है. केला व ड्रैगन फ्रूट के साथ ही सब्जियों में रसायनिक खाद का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते हैं. इससे इनकी फसल की गुणवत्ता बेहतर है. गाय के गोबर, गोमूत्र, गुड, बेसन, घनजीवा अमृत आदि से तैयार की गई खाद और कीटनाशक का प्रयोग करते हैं. जिससे हमारे फल व सब्जियां जहर मुक्त रहती है जो स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं.

