अप्रैल की अंतिम एकादशी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, जिसे वरुथिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. यह हिंदू कैलेंडर के दूसरे माह वैशाख की पहली एकादशी होगी. एकादशी को व्रतों में श्रेष्ठ में माना जाता है क्योंकि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है और मोक्ष को प्राप्त करता है. इस बार वरुथिनी एकादशी को पूरे दिन पंचक रहने वाला है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि वरुथिनी एकादशी कब है? वरुथिनी एकादशी का मुहूर्त, पारण समय और महत्व क्या है?
अप्रैल की अंतिम एकादशी 2025 तारीख
पंचांग के अनुसार, अप्रैल में वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल दिन बुधवार को शाम 4 बजकर 43 मिनट पर शुरू हो रही है. इस एकादशी तिथि का समापन अगले दिन 24 अप्रैल को दोपहर में 2 बजकर 32 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर अप्रैल की अंतिम एकादशी यानि वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल दिन गुरुवार को रखा जाएगा.
गुरुवार को वरुथिनी एकादशी का शुभ संयोग
वरुथिनी एकादशी के दिन गुरुवार का शुभ संयोग बना है. वरुथिनी एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और गुरुवार दिन भी विष्णु पूजा और व्रत का है. ऐसे में आपको व्रत का दोगुना फल प्राप्त होगा.
वरुथिनी एकादशी पर ब्रह्म योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है. ब्रह्म योग सुबह से लेकर दोपहर 03 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. उसके बाद इन्द्र योग बनेगा. व्रत वाले दिन शतभिषा नक्षत्र सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक है, उसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र होगा.
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वरुथिनी एकादशी 2025 मुहूर्त
24 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:19 ए एम से 05:03 ए एम तक है. यह समय स्नान, दान आदि के लिए उत्तम माना जाता है. वरुथिनी एकादशी के दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:53 ए एम से दोपहर 12:46 पी एम तक है.
जो लोग वरुथिनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे भगवान विष्णु की पूजा ब्रह्म योग में कर सकते हैं. उस दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त 05:47 ए एम से 07:25 ए एम तक है.
वरुथिनी एकादशी पर पूरे दिन पंचक
इस बार वरुथिनी एकादशी को पूरे दिन पंचक रहेगा. हालांकि यह पंचक 13 अप्रैल को बुधवार से शुरू हो रहा है. बुधवार को शुरू होने वाला पंचक अच्छा माना जाता है, इसमें शुभ कार्यों को करने पर कोई पाबंदी नहीं होती है.
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वरुथिनी एकादशी 2025 पारण समय
वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण 25 अप्रैल दिन शुक्रवार को किया जाएगा. व्रत का पारण सुबह में 05:46 ए एम से 08:23 ए एम के बीच कभी भी कर सकते हैं. उस दिन द्वादशी तिथि का समापन 11:44 ए एम पर होगा.
वरुथिनी एकादशी से होने वाले 4 फायदे
जो व्यक्ति वरुथिनी एकादशी का व्रत रखता है, उसे 4 लाभ होते हैं. पहला वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना 10 हजार साल तप करने का मिलता है. दूसरा भय से मुक्ति मिल जाती है. तीसरा हरि कृपा से व्यक्ति जीवन मरण के बंधन से मुक्ति होकर मोक्ष पा लेता है. चौथा हरि आशीर्वाद से पाप मिटेगा, पुण्य और सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होगी.