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महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र में वसूली देवी मंदिर स्थित है, जो अपने ऐतिहासिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां पर श्रीकृष्ण भगवान की बांसुरी गिरी थी.
वसूली देवी मंदिर, महराजगंज
हाइलाइट्स
- वसूली देवी मंदिर महराजगंज जिले में स्थित है.
- यहां भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी गिरी थी.
- नवरात्र में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है.
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र में वसूली देवी मंदिर स्थित है, जो अपने प्राचीन इतिहास के लिए जाना जाता है. यह मंदिर अपने खास धार्मिक इतिहास और आध्यात्मिक मान्यताओं के लिए बेहद लोकप्रिय है. वसूली देवी मंदिर में सिर्फ महराजगंज जिले के स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर दराज से श्रद्धालु इस मंदिर में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यहां आते हैं. इसके साथ ही यह मंदिर यहां के लोगों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र बन चुका है जहां लोगों की उमड़ती भीड़ से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. निचलौल क्षेत्र के जंगलों के नजदीक स्थित इस मंदिर के साथ बहुत सी धार्मिक मान्यताएं भी लोकप्रिय हैं, जो इसे एक आध्यात्मिक केंद्र बनाता है.
यहां गिरी थी भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी
वसूली देवी मंदिर के पुजारी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि यह मंदिर इतना पुराना है कि इसकी शुरुआती समय की सटीक जानकारी दे पाना भी किसी के बस की बात नहीं है. धार्मिक दृष्टिकोण से यह मंदिर जिले के प्रमुख मंदिरों में से एक है जहां लोगों की एक बड़ी तादाद इकट्ठा होती है. उन्होंने बताया कि एक समय में भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी इस जगह पर गिरी थी, जिसकी वजह से ही इस मंदिर का नाम वसूली देवी मंदिर पड़ा था. इसके साथ ही मंदिर से जुड़ी या घटना स्थानीय लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय है जिसकी समय-समय पर चर्चा भी होती रहती है. नवरात्र के समय में इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है जो अपने अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठानों के लिए यहां आते हैं.
मंदिर के मुख्य द्वार पर बने हैं दो शेर
मंदिर के पुजारी ने लोकेल 18 को बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की इस घटना से भी लोगों का इस मंदिर से एक बड़ा जुड़ाव है. इसके साथ मंदिर में समय-समय पर जंगलों से निकलकर शेर भी आते रहते हैं जो समय-समय पर चर्चा में भी बना रहता है. मंदिर के मुख्य द्वार पर जब हम देखते हैं तो दोनों ही ओर दो शेर बनाए गए हैं, जो इस मान्यता को भी प्रदर्शित करते हैं. यदि आप इस मंदिर पर पहुंचाना चाहते हैं तो आप महाराजगंज जिला मुख्यालय से सिंदुरिया और सिंदूरियां से सबया और जहदा से होते हुए इस मंदिर परिसर में पहुंच सकते हैं.