बिहार पुलिस ने तेजस्वी यादव की X पोस्ट पर आपत्ति दर्ज जताई है।
पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने के बाद पुलिस ने आंकड़ों के जरिए जवाब दिया है। पुलिस ने आंकड़े जारी कर बताया है कि देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध की दर काफी कम है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अपराधिक वारदातों के मामले में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। बता दें कि राज्य पुलिस मुख्यालय ने तेजस्वी यादव के उस X पोस्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष ने कतिपय आपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए राज्य की विधि-व्यवस्था पर टिप्पणी की है।
तेजस्वी ने किया था 117 घटनाओं का जिक्र
बता दें कि तेजस्वी ने अपनी पोस्ट पर 117 आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया था। इसमें मुख्यालय के स्तर पर 46 घटनाओं को चिन्हित कर इसमें की गई कार्रवाई की अपडेट स्थिति स्पष्ट करते हुए विस्तृत ब्यौरा जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अधिकांश घटनाएं वर्ष 2025 में जनवरी से अभी तक की हैं। किसी घटना की तिथि एवं थाना का जिक्र नहीं है, जिसके कारण घटनाएं स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं। सिर्फ 46 की ही पहचान की गई है। पुलिस मुख्यालय ने इस तरह के पोस्ट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि अनावश्यक टीका टिप्पणी से पुलिस के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पुलिस अपना काम पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर रही है।
‘अधिकांश घटनाएं छोटे-छोटे कारणों से हुईं’
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष के पोस्ट में जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है उनमें से अधिकांश घटनाएं छोटे-छोटे कारणों से घटित हुई हैं। मुख्यालय ने कहा, ‘इन घटनाओं में रुपये का लेनदेन, बच्चों की लड़ाई, पूर्व के आपसी विवाद, भूमि विवाद, प्रेम प्रसंग, मोबाइल से लेनदेन समेत अन्य शामिल हैं। इन 46 मामलों में कार्रवाई की जा रही है और इनमें 112 दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस हर छोटी-बड़ी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कांडों की जांच कर रही है। दोषियों की गिरफ्तारी की जा रही है।’
‘पुलिस पर हमले के मामलों में 947 दोषियों की गिरफ्तारी’
पुलिस के मुताबिक, ‘इस साल 1 जनवरी से 7 अप्रैल तक पुलिस पर हमले के मामलों में 947 दोषियों की गिरफ्तारी की गई है। लूट के मामलों में 697 और डकैती के मामलों में 281 दोषियों को गिरफ्तार किया गया है। NCRB के अनुसार, अपराध दर के आधार पर प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का देशभर में हत्या के मामलों में 14वां स्थान है। 2019 से 2021 के बीच बिहार में अपराध की दर 2019 में 2.6, 2020 में 2.6 और 2021 में 2.3 दर्ज की गई है। 2022 में भी हत्या के मामलों में अपराध की दर 2.3 ही है, जो पिछले वर्ष से स्थिर है।’
अधिकांश घटनाएं हत्या, व्यक्तिगत दुश्मनी की
पुलिस के मुताबिक, ‘अधिकांश घटनाएं जो हुई हैं वे व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंधों एवं प्रेम प्रसंग के कारण हुई हैं। अगर इन घटनाओं का प्रतिशत कुल आपराधिक घटनाओं से तुलना करें, तो 2021 में व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंधों और प्रेम प्रसंग की 1952 घटनाएं हुईं हैं, जो कुल घटी 2799 घटनाओं का 69.73 प्रतिशत है। इसी तरह 2022 में कुल आपराधिक घटनाओं 2930 में 2087 घटनाएं इन्हीं कारणों से हुईं, जो कुल घटना का 71.20 प्रतिशत है। 2023 में कुल आपराधिक घटनाओं 2862 में 2109 घटनाएं इन्हीं अपराधों से संबंधित थी, जो 73.69 प्रतिशत हैं।’
देश के विभिन्न राज्यों में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध की दर
- केरल – 1274.8
- हरियाणा – 810.4
- गुजरात – 738.9
- तमिलनाडु – 617.2
- मध्यप्रदेश – 569.3
- महाराष्ट्र – 443.0
- राष्ट्रीय संज्ञेय अपराध की दर – 422.2
- छत्तीसगढ़ – 404.2
- राजस्थान – 388.8
- उड़ीसा – 386.7
- आंध्रप्रदेश – 368.2
- उत्तर प्रदेश – 322.0
- बिहार – 277.1
बिहार में संज्ञेय अपराध की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 277
NCRB के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 के दौरान बिहार में कुल संज्ञेय अपराध की दर प्रति एक लाख की आबादी पर 277.1 है। राष्ट्रीय स्तर पर घटित कुल अपराधिक आंकड़ों में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर संज्ञेय अपराध की दर 422.2 है। बिहार का इस मामले में देश में 19वां स्थान है। वहीं, 2022 में पूरे देश में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर कुल अपराध की दर 258.1 है। बिहार में भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रतिवेदित अपराध की दर 168.1 है। सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रतिवेदित कुल अपराध की तुलना में बिहार में अपराध दर काफी कम है। इस मामले में बिहार का स्थान 21वां है।