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French bean cultivation: फ्रेंच बीन्स लगाने से पहले अपने खेत की जुताई के समय ट्राइकोडर्मा, सुडोमोनाज को सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर के खेत में मिला दिया जाए, तो इससे फफूंदी खत्म हो जाती है.
अगर फसल हो रही है पीली दिखाई दे रहे हैं धब्बे तो इन दवाइयों का तुरंत छिड़काव
हाइलाइट्स
- फ्रेंच बीन्स की फसल को फफूंदी से बचाने के उपाय.
- ट्राइकोडर्मा, सुडोमोनाज को सड़ी गोबर की खाद में मिलाएं.
- फफूंदी नाशी “मैटेलिक जिल” का छिड़काव करें.
सहारनपुर: सहारनपुर के किसान सब्जी की खेती करने के लिए जाने जाते हैं. वहीं सहारनपुर के कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर केवल फ्रास बीन की खेती बड़ी मात्रा में की जा रही है, लेकिन इस बीच किसानों की फ्रास बीन की फसल फल आते ही पूरे तरीके से पीली पड़ कर सूखती जा रही है. इसकी वजह खेत में फसल को खराब करने वाली फफूंदी है, जो कि जमीन में पड़ी रहती है और समय आने पर अपना असर दिखाती है.
कैसे फैलती है फफूंदी
पहले यह किसी-किसी पौधे में अपना असर दिखना शुरू करती है और फिर धीरे-धीरे हवा के माध्यम से, पानी के माध्यम से और मिट्टी के माध्यम से पूरे खेत में फैल जाती है. यह पौधे के ऊपर सफेद रंग के धब्बे और पौधे को पीला कर देती है.
इन दवाओं का करें इस्तेमाल
साथ ही पेड़ को उखाड़ने पर उसकी जड़ों में भी इसके धब्बे दिखाई देते हैं. किसान फ्रास बीन के खेत को या तो बदलते रहे या फिर उसके पास अगर क्षेत्रफल कम है तो वह फ्रास बीन लगाने से पहले अपने खेत की जुताई के समय ट्राइकोडर्मा, सुडोमोनाज को सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर के खेत में मिला लें, तो यह फफूंदी खत्म हो जाती है.
इसके अलावा, अगर फसल में फफूंदी दिखाई दे रही है तो किसान तुरंत फफूंदी नाशी “मैटेलिक जिल” दवाई की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से उसी क्षेत्र में छिड़काव करें जिस क्षेत्र में फफूंदी का असर दिखाई दे रहा है. ऐसा करने से किसान की समय रहते फसल बच जाएगी.