6 अप्रैल दिन रविवार को देशभर में राम नवमी का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन भी है. राम नवमी के दिन रवि पुष्य योग का दुर्लभ संयोग माना जा रहा है, जो कि बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन किए गए कार्यों का फल कई गुणा मिलता है. इस शुभ योग में भगवान राम की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से सुख-सौभाग्य और ज्ञान की वृद्धि होती है. खरमास के चलते शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है लेकिन राम नवमी के दिन बन रहे इस विशेष योग में सोना-चांदी, कार इत्यादि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. साथ ही रवि पुष्य योग में किए गए धार्मिक कार्य जैसे पूजा-पाठ, जप-तप, स्नान व दान आदि का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं राम नवमी पर बन रहे रवि पुष्य योग से आपको क्या क्या लाभ मिलने वाला है…
सभी नक्षत्रों का राजा है पुष्य नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र हैं और रवि पुष्य नक्षत्र 8वें स्थान पर आता है, जो बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही रवि पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है. अगर ग्रह-नक्षत्र की अशुभ स्थिति बन रही है तो पुष्य नक्षत्र में वह शुभ हो जाती है. पुष्य नक्षत्र अगर रविवार को होता है तो वह रवि पुष्य नक्षत्र, गुरुवार को आने पर गुरु पुष्य नक्षत्र, शनिवार के दिन शनि पुष्य नक्षत्र, बुधवार के दिन बुध पुष्य नक्षत्र कहा जाता है. पुष्य का अर्थ है पोषण, ज्योतिष में इसको अमरेज्य भी कहते हैं. ऋगवेद में पुष्य नक्षत्र को मंगलकर्ता कहा गया है. सभी दिनों के नक्षत्र का अलग अलग महत्व है.
राम नवमी के दिन रवि पुष्य योग
राम नवमी के दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग समेत रवि पुष्य योग, सुकर्मा योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं, जो ना केवल धार्मिक कार्यों के लिए बल्कि सोना-चांदी, कार आदि चीजों की खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है और निवेश के लिए बेहतर होता है. दरअसल इन शुभ योग की वजह से इस दिन किया गया कोई भी कार्य का फल लंबे समय तक मिलता है और जीवन में सुख-शांति और स्थिरत बनी रहती है. अगर आप कोई नया बिजनस शुरू करना चाहते हैं या फिर महत्वपूर्ण निर्णय लेना चाहते हैं तो रवि पुष्य योग में किया गया काम फलदायी साबित होगा.
नक्षत्र के स्वामी शनिदेव
सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही मलमास खत्म हो गया है और सूर्य 14 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेंगे. एक माह के इंतजार करने के बाद शुभ व मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगे. इस नक्षत्र के स्वामी न्याय व कर्म के कारक ग्रह शनिदेव हैं, जो स्थिरता प्रदान करते हैं. वहीं इस नक्षत्र के देवता देवों के गुरु बृहस्पति हैं, जिसका कारक सोना है. मान्यता है कि रवि पुष्य योग में सोना खरीदना बहुत शुभ माना गया है और यह सोना स्थायी भी होता है.लेकिन इस दिन ध्यान रखें कि रवि पुष्य योग में सोना खरीदा तो जा सकता है लेकिन पहना नहीं जा सकता है.
इस चीजों का खरीदना बहुत शुभ
रवि पुष्य नक्षत्र के दिन सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, वाहन, भूमि-भवन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जेवर, पीले कपड़े आदि चीजों का खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन पूजा अर्चना करने और उपवार रखने से जीवन के हर क्षेत्र में मिलती है. जो लोग राम नवमी के दिन व्रत कर रहे हैं, सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय माता लक्ष्मी के सामने घी का दीपक अवश्य जलाएं या फिर किसी नए मंत्र के साथ जप भी शुरू करे. रवि पुष्य नक्षत्र में शिल्प, चित्रकला या मंदिर या घर निर्माण आदि करना शुभ माना जाता है.
भूलकर भी इस नक्षत्र में ना करें यह काम
अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो लंबी अवधि का निवेश करना फायदेमंद रहेगा. इस दिन बहीखातों की पूजा करें और नया लेखा जोखा भी शुरू कर सकते हैं. साथ ही राम नवमी के दिन बन रहे इस पुष्य नक्षत्र में दाल, कड़ी, चावल, खिचड़ी, बूंदी के लड्डू आदि का सेवन करना अच्छा माना जाता है. पुष्य नक्षत्र में विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है, दरअसल ब्रह्माजी को पुष्य नक्षत्र का शाप मिला हुआ है इसलिए इस नक्षत्र में विवाह करना वर्जित माना गया है.