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लखीमपुर खीरी में शुरू हुए आकांक्षा स्टोर से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अपने उत्पादों की बिक्री का मंच मिला है. इससे उन्हें उचित मूल्य, सीधी बाजार पहुंच और आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त होगा.
समूह की महिलाओं ने बनाया जलकुंभी से चप्पल
अतीश त्रिवेदी/ लखीमपुर खीरी- लखीमपुर खीरी जिले में पहली बार स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए एक बड़ा और संगठित मंच प्रदान किया गया है. इस पहल के तहत ‘आकांक्षा स्टोर’ की स्थापना की गई है, जो महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
महिलाओं को मिला पहचान
यह स्टोर न केवल महिलाओं को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर देगा, बल्कि स्थानीय बाजार को भी सशक्त बनाएगा. अब तक जिले में कोई ऐसा प्लेटफॉर्म नहीं था जो महिला उद्यमियों को उनके उत्पादों के लिए उचित मूल्य और बाजार उपलब्ध करा सके. आकांक्षा स्टोर इस कमी को दूर करेगा.
स्थानीय उत्पादों को मिलेगा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच
स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए घरेलू उत्पादों जैसे डिटर्जेंट पाउडर, फिनायल, अचार, धनिया पाउडर, जलकुंभी से बनी चप्पलें और टोकरी आदि को अब एक ऐसा मंच मिला है जहां से वे ना सिर्फ स्थानीय, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान भी पा सकते हैं.
ग्रामीण महिलाओं की उम्मीदों को मिला नया रास्ता
लोकल 18 से बातचीत में फूलों देवी ने बताया कि पहले गांव की महिलाएं अपने बनाए उत्पादों को बेच नहीं पाती थीं. लेकिन अब आकांक्षा स्टोर के माध्यम से उनकी मेहनत को बाजार मिलेगा. इससे रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और महिलाओं को अपने हुनर का पूरा लाभ मिलेगा.
उचित मूल्य, सीधी बाजार तक पहुंच
आकांक्षा स्टोर की सबसे खास बात यह है कि इससे महिलाओं को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सकेगा. यह उनके आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक होगा. साथ ही, स्टोर की निगरानी आकांक्षा समिति द्वारा की जाएगी ताकि शोषण से बचाव सुनिश्चित किया जा सके.