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Knee Problems Causes: खराब लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड का सेवन और न्यूट्रिएंट की कमी के कारण बुढ़ापे से पहले ही लोगों के घुटने खराब होने लगे हैं. डॉक्टर्स की मानें तो अब 60-65 साल में ही लोगों को घुटने ट्रांसप्ला…और पढ़ें
घुटनों की परेशानियां खराब लाइफस्टाइल से बढ़ रही हैं.
हाइलाइट्स
- खराब लाइफस्टाइल से घुटनों की समस्याएं बढ़ रही हैं.
- 60-65 साल में घुटने ट्रांसप्लांट की जरूरत बढ़ी है.
- सही इलाज से ट्रांसप्लांट की नौबत टल सकती है.
Joint Problems in Middle Age: एक वक्त था, जब 80-90 साल के बुजुर्ग भी कई किलोमीटर तक पैदल घूमते थे और खेतों में काम भी कर लेते थे. अब हाल यह हो गया है कि 40-50 की उम्र में ही लोगों के घुटने खराब होने लगे हैं आलम यह है कि 60 की उम्र तक पहुंचने तक ही लोगों को घुटनों का प्रत्यारोपण कराने की जरूरत पड़ने लगी है. एक्सपर्ट्स के अनुसार कोविड महामारी के लोगों में घुटनों की समस्याएं तेजी से बढ़ गई हैं. बड़ी संख्या में लोग जॉइंट पेन और आर्थराइटिस से जूझ रहे हैं.
लुधियाना के मैश प्रो-लाइफ हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मुनीश गोयल के मुताबिक आज के दौर में रोज ओपीडी आने वाले मरीजों में 50 से 60 प्रतिशत मामले आर्थराइटिस या जोड़ों के दर्द के सामने आ रहे हैं. कोविड के बाद घुटनों की परेशानियों में 3 गुना बढ़ोतरी हुई है. अब घुटने और कूल्हे के प्रत्यारोपण की औसत आयु घटकर 60 से 65 साल हो गई है. शहरों में मिडिल एज के लोगों को जॉइंट और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. चिंता की बात तो यह है कि आर्थराइटिस होने के बाद 50 पर्सेंट लोगों को इसका पता ही नहीं चलता है, जिससे सही वक्त पर ट्रीटमेंट नहीं हो पाता है.
डॉक्टर गोयल का कहना है कि आजकल सीनियर सिटीजन्स में घुटने, कूल्हे और पीठ दर्द की समस्या सबसे ज्यादा कॉमन है. करीब 90 से 95% मामलों में सही ट्रीटमेंट मिल जाए, तो ट्रांसप्लांट की नौबत से बचा जा सकता है. हालांकि लोगों में इस बारे में जागरुकता की कमी है. वर्तमान में गलत लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड का सेवन और पोषण की कमी से मिडिल और वृद्धावस्था में जोड़ों की समस्या तेजी से बढ़ रही है. अगर आर्थराइटिस को शुरुआती स्टेज में पहचानकर इलाज कराया जाए, तो दवाओं और एक्सरसाइज से राहत मिल सकती है. अगर आर्थराइटिस ग्रेड 4 में पहुंच जाए, तो घुटने का रिप्लेसमेंट जरूरी हो जाता है. इसी तरह कूल्हे का रिप्लेसमेंट अक्सर पुरानी चोटों या हालिया फ्रैक्चर के कारण जरूरी हो सकता है.
एक्सपर्ट के अनुसार लोगों को 50 की उम्र के बाद हड्डी रोग विशेषज्ञ से समय-समय पर मिलकर जांच करानी चाहिए. हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए. जंक फूड से दूरी बनानी चाहिए और लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना चाहिए. नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए और खुद को एक्टिव रखना चाहिए. अगर किसी तरह की समस्या हो, तो डॉक्टर से मिलें. सावधानी बरतने से हड्डियों की परेशानियों से बचा जा सकता है.