Chaitra Navratri 2025 8th Day, Maa MahaGauri: नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है. सातवें दिन मां महागौरी की आराधना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इनकी कृपा से साधक के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. इनका स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और उज्ज्वल है. कहा जाता है कि कठोर तप के कारण इनका शरीर काला पड़ गया था, जिसके बाद भगवान शिव ने गंगाजल से इन्हें स्नान कराया और तब इनका स्वरूप अत्यंत गोरा हो गया. इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा इस दिन की पूजा विधि, मंत्र, कथा, भोग, आरती और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें.
मां महागौरी का स्वरूप
शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी का स्वरूप अत्यंत कोमल और दिव्य है. इनके चार हाथ होते हैं-एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, तीसरा हाथ अभय मुद्रा में और चौथा वरद मुद्रा में रहता है. ये सफेद वृषभ (बैल) पर विराजमान रहती हैं, इसलिए इन्हें ‘श्वेतांबरधरा’ भी कहा जाता है.
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नवरात्रि के सातवें दिन का भोग
मां महागौरी को नारियल और दूध से बनी मिठाइयों का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
नवरात्रि के सातवें दिन का रंग
इस दिन गुलाबी या सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है. ये रंग पवित्रता, सौम्यता और प्रेम का प्रतीक हैं, जिससे मां महागौरी की कृपा प्राप्त होती है.
मां महागौरी की पूजा विधि
1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है.
2. मां महागौरी की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें.
3. मां को सफेद पुष्प, कुमकुम, अक्षत, धूप और दीप अर्पित करें.
4. पंचमेवा, नारियल और दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं.
5. मां महागौरी के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
6. हवन कर, कन्या पूजन करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं.
7. अंत में मां की आरती करें और परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें.
मां महागौरी का मंत्र
1. बीज मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः.
2. स्तुति मंत्र:
श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः.
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा.
मां महागौरी की पूजा का महत्व
मां महागौरी की उपासना से मनुष्य के सभी पाप और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. इनकी कृपा से मानसिक शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से महिलाओं के लिए इनकी पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है.
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मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया.
जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा.
महागौरी तेरा वहा निवास॥
चन्द्रकली और ममता अम्बे.
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता.
कौशिक देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा.
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती हवन कुंड में था जलाया.
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया.
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया.
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता.
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो.
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो॥