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BHU Dalit Student Protest: देश की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार बीएचयू इस समय सुर्खियों में है. यहां एक छात्र शुभम सोनकर ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर पीएचडी प्रवेश में धांधली हुई है, जिसकी जांच हो…और पढ़ें
बीएचयू में 15 दिन से धरने पर दलित छात्र
हाइलाइट्स
- BHU में पीएचडी प्रवेश में धांधली का आरोप.
- दलित छात्र शुभम सोनकर 15 दिनों से धरने पर.
- शिक्षा मंत्रालय ने BHU से जवाब तलब किया.
वाराणसी: BHU का नाम देश की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार है. इसी यूनिवर्सिटी में पीएचडी प्रवेश में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. दरसअल, BHU के मालवीय सेंटर फॉर पीस में एक दलित छात्र का जनरल कैटेगरी में दूसरी रैंक आने के बाद भी उसे प्रवेश नहीं मिला है, जिससे नाराज छात्र शुभम सोनकर 15 दिनों से वीसी आवास के सामने धरने पर बैठा है.
दलित छात्र शुभम सोनकर ने बताया कि मालवीय सेंटर फॉर पीस केंद्र में पीएचडी के लिए 7 सीटों पर आवदेन मांगे गए थे, जिसमें जनरल कैटिगरी में मेरा दूसरा स्थान था, लेकिन केंद्र की ओर से सिर्फ 4 सीटों पर प्रवेश लिया गया. बाकी 3 सीटें खाली छोड़ दी गई. हमारी मांग है कि खाली सीटो पर भी नियमानुसार प्रवेश लिया जाए. इसी मांग को लेकर उसका धरना जारी है.
बड़े स्तर पर धांधली का आरोप
शुभम सोनकर ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर पीएचडी प्रवेश में धांधली हुई है, जिसकी जांच होनी चाहिए. मेरी तरह कई स्टूडेंट्स हैं, जो रैंक लाने के बाद भी पीएचडी में प्रवेश नहीं लें पा रहे हैं. बता दें कि शुभम सोनकर ने इस पूरे मामले की शिकायत बीएचयू के मुख्य परीक्षा नियंत्रण के अलावा सभी आला अफसरों से की है, लेकिन शायद दलित होने के नाते उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.
संसद में उठा है मुद्दा
इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी अपनी गलती मानी है, लेकिन फिर भी शुभम सोनकर से अब तक विश्वविद्यालय का कोई बड़ा अधिकारी मिलने के लिए धरना स्थल पर नहीं आया है. बता दें कि इस मुद्दे को सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने संसद में भी उठाया था और दलित छात्र से फोन पर बातचीत भी की थी.
शिक्षा मंत्रालय ने मांगा जवाब
फिलहाल इस मुद्दे को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया है. अब देखने की बात होगी कि बीएचयू में धरने पर बैठे दलित छात्र को कब न्याय मिलता है.