Sonbhadra News – सोनभद्र, संवाददाता। वासंतिक नवरात्र के छठवें दिन गुरुवार को देवी के कात्यायनी स्वरूप की

सोनभद्र, संवाददाता। वासंतिक नवरात्र के छठवें दिन गुरुवार को देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की गई। देवी मंदिरों में या देवि सर्वभूतेषु स्मृति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यैय, नमस्तस्यैय, नमस्तस्यैय नमो नम:।। का मंत्रोच्चार और जय माता दी का जयकारा गूंजता रहा। दर्शन पूजन-करने के लिए सुबह से भक्तों की भीड़ लग गई थी। भक्त माता रानी का दर्शन कर धन्य हो रहे थे। भक्तिमय वातावरण से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा।
राबर्ट्सगंज मेन चौक स्थित मां शीतला देवी मंदिर, साईं मंदिर के बगल में स्थित मां दुर्गा मंदिर, ब्रह्मबाबा गली स्थित संतोषी माता मंदिर, दंडईत बाबा मंदिर परिसर स्थित मां काली और दुर्गा मंदिर, ब्रम्हनगर स्थित मां दुर्गा मंदिर पर सुबह से ही भक्तों का पूजन-अर्चन का दौर चलता रहा। भक्तों ने मां को नारियल, चुनरी, रोली, रक्षा, कपूर, अगरबत्ती, फूल-माला, मिष्ठान, फल चढ़ाया। इसी प्रकार से मध्य प्रदेश सीमा स्थित मां कुंडवासिनी देवी (कुड़ारी देवी) मंदिर, शक्तिनगर स्थित मां ज्वालामुखी देवी मंदिर, जुगैल स्थित जिरही देवी मंदिर पर दूर-दराज से भक्तगण पहुंच कर पूजन-अर्चन किया। इसी प्रकार से जिले भर में देवी मंदिरों में सुबह से देर रात्रि तक पूजन-अर्चन का दौर चलता रहा।
चैत नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी स्वरुप का हजारों लोगों ने दर्शन पूजन किया। वैष्णों मंदिर पर गुरुवार की सुबह छह बजे से दर्शनार्थियों का रेला चलता रहा। मंदिर परिसर माता रानी के जयकारों से गुंज उठा। मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीकांत तिवारी ने बताया की मां दुर्गा की नवशक्ति का छठवें स्वरूप मां कात्यायनी की उपासना का दिन है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनका ध्यान गोधुलि बेला में करना चाहिए। मां कात्यायनी के आर्शीवाद से जगत के समस्त रुके कार्य पूर्ण हो जाते हैं। मां मन की मुरादें पूरी करती हैं। मंदिर में हलुवे चने का प्रसाद वितरण किया जा रहा है। मंदिर की बाईं तरफ मुडंन स्थल पर भी भीड़ देखने को मिली सुरक्षा व्यवस्था में मंदिर प्रशासन के तरफ से सुरक्षा कर्मी, मेटल डिटेक्टर व महिला व पुरुष पुलिस कर्मी लगाए गए।