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गाजीपुर की अनन्या राय ने इंटरनेशनल वॉलीबॉल में भारत का नाम रोशन किया. 2014 में पहली बार थाईलैंड में यूथ एशियन चैंपियनशिप खेली, फिर ब्राजील, रूस, अफ्रीका तक सफर किया.
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खेल के मैदान में आईं ताने, फिर भी इंटरनेशनल स्टार बनीं अनन्या राय
गाजीपुर: जिले के छोटे से गांव रेवतीपुर से निकलकर इंटरनेशनल वॉलीबॉल में भारत का नाम रोशन करने वाली अनन्या राय की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. 21 जुलाई 1998 को जन्मी अनन्या की शुरुआती शिक्षा रुद्रपुर में हुई. उनके पिता राजेश राय शिक्षक हैं और मां कंचन देवी गृहिणी. बचपन से ही खेलों में रुचि रखने वाली अनन्या को उनके पिता ने हमेशा प्रोत्साहित किया. दौड़ में हमेशा अव्वल रहने वाली अनन्या का पहला बड़ा चयन वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, गोरखपुर में हुआ, जहां से उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत हुई.
2014 में अनन्या को पहली बार भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की जर्सी पहनने का मौका मिला, जब उन्होंने थाईलैंड में हुई यूथ एशियन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया. यह वही पल था, जब गांव में लोग तंज कसते थे कि “लड़कियों का खेल में क्या काम?” लेकिन उनके माता-पिता ने कभी उनका हौसला कम नहीं होने दिया. आगे चलकर उन्होंने चीन में अंडर-19 ब्रिक्स गेम्स, अफ्रीका, ब्राजील और रूस समेत कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का परचम लहराया.
इंजरी, राजनीति और आलोचना: फिर भी रुकी नहीं, सिर्फ आगे बढ़ी
हर खिलाड़ी के जीवन में एक दौर ऐसा आता है, जब उसे खुद पर संदेह होता है. अनन्या के लिए यह दौर तब आया जब वह लिगामेंट इंजरी का शिकार हुईं. लगा कि अब खेल खत्म हो जाएगा, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया. वह कहती हैं, “हर खिलाड़ी को चोट, राजनीति और संघर्ष का सामना करना पड़ता है. लेकिन जो इन सबसे पार पाता है, वही असली विजेता बनता है.” आज अनन्या गांव की लड़कियों को संदेश देती हैं कि अब वह दौर गया, जब लड़कियों को अबला कहा जाता था. वह कहती हैं, “अपना करियर खुद सोचो, समझो और उस राह पर आगे बढ़ो.”
गांव की बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं अनन्या
अनन्या ने अपने गांव रेवतीपुर से निकलकर वॉलीबॉल के क्षेत्र में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं. अपने खेल के प्रति समर्पण और कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने दिखा दिया कि गांव की बेटियां भी ऊंची उड़ान भर सकती हैं. उनका मानना है कि प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है सही मार्गदर्शन और अवसरों की. अनन्या राय आज लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो अपने सपनों को पंख देना चाहती हैं.