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झांसी में शराब की दुकानों के आवंटन को लेकर विवाद बढ़ गया है. लक्ष्मी गेट पर दुकान खोलने के विरोध में प्रदर्शन हुआ, जहां पार्षद पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा. पुलिस और प्रशासन ने समझाने की कोशिश की, लेकिन विवाद…और पढ़ें
प्रदर्शन करती महिलाएं
झांसी- झांसी में शराब की दुकानों के आवंटन के साथ ही विवाद भी शुरू हो गए हैं. कई स्थानों पर स्थानीय लोग नई शराब की दुकानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
झांसी के लक्ष्मी गेट के पास बनी शराब की दुकान के विरोध में लोगों ने दिनभर प्रदर्शन किया. लक्ष्मी गेट अंदर स्थित देशी शराब की दुकान का आवंटन ई-लॉटरी के माध्यम से हरियाणा निवासी अंकित राय को किया गया है. विभाग द्वारा आवंटित स्थान से लगभग 150 मीटर की परिधि में दुकान खोलने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन जब अंकित राय ने दुकान लक्ष्मी गेट के बाहर खोलने की योजना बनाई, तो क्षेत्रवासियों और स्थानीय पार्षदों ने इसका कड़ा विरोध किया.
पार्षद पर दुकान के बदले मुफ्त शराब का आरोप
प्रदर्शन के दौरान दर्जनों महिलाओं और पुरुषों ने जमकर नारेबाजी की और मांग की कि शराब की दुकान को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए. स्थिति को संभालने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट प्रमोद झा, सीओ (सिटी) स्नेहा तिवारी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे.
इस दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद भी हुआ, जिसे पुलिस ने किसी तरह नियंत्रित किया. शराब के ठेकेदार अंकित राय ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय पार्षद ने दुकान खोलने के एवज में दो लाख रुपए नकद और प्रतिमाह दो पेटी देशी शराब की मांग की थी.
पूरे दिन चलता रहा विरोध प्रदर्शन
जब मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदर्शनकारियों ने दुकान खोलने नहीं दी और अनुज्ञापी (लाइसेंसधारी) व उनके रिश्तेदारों को फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी. मामला कोतवाली तक पहुंचा, जहां दोनों पक्षों के बीच वार्ता कराने की कोशिश की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.
दूसरी ओर, क्षेत्रीय पार्षद आशीष रायकवार ने आरोप लगाया कि स्कूल और मंदिर के निकट नियमों के विरुद्ध शराब की दुकान खोली जा रही है. उनके समर्थन में आई महिलाओं और पुरुषों ने कोतवाली में भी नारेबाजी की. पुलिस द्वारा समझाने के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ और प्रदर्शनकारी वहां से चले गए.
इस पूरे विवाद के चलते क्षेत्र में तनाव बना हुआ है और प्रशासन को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.