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UPSC INTERVIEW: आईएसएस की परीक्षा के तीन प्रमुख चरण प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार होते हैं जिसमें साक्षात्कार, सफल छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान पर्सनालिटी डेवलपमेंट तार्किक क्षमता एवं उनके उत्त…और पढ़ें
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प्रयागराज: भारतीय युवाओं में आईएएस अधिकारी बनने का क्रेज बहुत देखने को मिलता है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी राज्यों में संघ लोक सेवा आयोग की ओर से प्रत्येक वर्ष इसकी परीक्षाएं कराई जाती हैं जिसमें प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के तीन प्रमुख चरण होते हैं. इससे गुजरने के बाद ही छात्रों का अंतिम रूप से चयन होता है. साक्षात्कार सबसे अंतिम चरण होता है. इसको लेकर छात्रों को किस प्रकार तैयारी करनी चाहिए एक्सपर्ट ने विस्तृत जानकारी दी है.
पैनल में होते हैं यह सदस्य
लोकल18 से बात करते हुए राज्य व्यवस्था एवं संविधान विशेषज्ञ सीबीपी श्रीवास्तव ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से आईएएस की परीक्षा की तैयारी करा रहे हैं. जिनके लगभग 10 हजार छात्र आईएसएस ,आपीएस और पीसीएस और अन्य पदों पर सेवा दे रहे हैं . बताते हैं कि मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार का चरण आता है जिसके पैनल में बोर्ड अध्यक्ष के साथ पांच विशेषज्ञ होते हैं जिसमें एक महिला होती है. यह सभी सदस्य मिलकर छात्र की प्रशासनिक योग्यता, नेतृत्व, कौशल बातों की समझ आत्मविश्वास बातों की अभिव्यक्ति, निर्णय क्षमता जैसे प्रमुख बातों का विशेष ध्यान देते हैं. इसी के आधार पर उनकी नंबरिंग की जाती है, तो वहीं इसका आधार करेंट अफेयर, पारिवारिक पृष्ठभूमि या उस छात्र का कोई एक विषय हो सकता है.
व्यवहारिक प्रश्न पर भी जोर
लोकल 18 के माध्यम से सीबीपी श्रीवास्तव बताते हैं कि छात्रों से उनकी व्यावहारिक समझ की भी जांच होती है. उनसे व्यावहारिक प्रश्नों पर उनके निर्णय क्षमता, परिस्थितियों के आधार पर चेक की जाती है, तो वहीं छात्रों से अक्सर या प्रश्न पूछा जाता है कि वह सिविल सेवक क्यों बनना चाहते हैं. ऐसे प्रश्नों का जवाब छात्रों को संविधान और कानून के दायरे में रहकर देना चाहिए. वहीं छात्रों को किसी भी संस्थाओं पर उंगली नहीं उठाना चाहिए.
सटीक उत्तर दें
मुख्य परीक्षा में शामिल छात्रों को पैनल के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर सटीक और स्पष्ट देना चाहिए. उत्तर छोटा होना चाहिए. वहीं अपनी तार्किक क्षमता पर जोर देते हुए तर्क वाले उत्तर ही देना चाहिए. ध्यान रहे मुख्य परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों के पास वैसे तो आत्मविश्वास की कमी नहीं रहती है, लेकिन उनका आत्मविश्वास उनकी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट को बताता है. छात्रों को करेंट अफेयर्स पर ज्यादा जोर देना चाहिए, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को किसी तरह प्रभावित करता हो.
ऐसा हो ड्रेसिंग सेंस
मुख्य परीक्षा के पासहोने के बाद साक्षात्कार में शामिल होने वाले छात्रों को ड्रेसिंग सेंस पर विशेष ध्यान देना चाहिए. छात्रों को ज्यादा रंग-बिरंगे कपड़े नहीं पहनना चाहिए. हेयर स्टाइल अच्छी होनी चाहिए, तो वहीं कपड़े को मेंटेन करके रखना चाहिए. ड्रेसिंग सेंस ठीक होना चाहिए और उस पर ज्यादा डिजाइन भी नहीं होनी चाहिए. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए छात्रों को साक्षात्कार में शामिल होना जाना चाहिए. इससे उनकी सफलता के चांसेस बढ़ते हैं.