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Delhi News: आपकी बच्ची की उम्र 16 साल या इसके आसपास है तो यह खबर खासतौर पर आपके लिए हैं. कहीं ऐसा ना हो कि यह कहानी आपके घर की दूसरी कहानी न बन जाए.
(फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- दिल्ली के रणहोला थाना क्षेत्र का है सनसनीखेज मामला
- जांच में सामने आई दिल को छू लेने वाली कहानी
- पुलिस की कोशिश से परिवार के चेहरे पर लौटी रौनक
Delhi News: दिल्ली के बाहरी इलाके में रणहोला थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज खबर ने सबके होश उड़ा दिए. 22 मार्च 2025 की शाम को एक 16 साल की मासूम लड़की अचानक लापता हो गई. उसका नाम सुनते ही मां-बाप के दिल में दहशत की लहर दौड़ पड़ी. अगले ही दिन 23 मार्च को थाना रणहोला में मामला दर्ज हुआ. यह कोई साधारण घटना नहीं थी; यह एक नन्हीं जान का सवाल था, जिसके पीछे अनगिनत रहस्य छिपे थे.
यह मामला दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बन गया. एक नाबालिग लड़की का गायब होना कोई छोटी बात नहीं थी. इस संवेदनशील मसले को सुलझाने की जिम्मेदारी अपराध शाखा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) को सौंपी गई. इस टीम का नेतृत्व एसीपी अरुण चौहान और इंस्पेक्टर मनोज दहिया के हाथों में था. पुलिस टीम ने दिन-रात एक कर दिए. यह टीम उस मासूम को ढूंढने के लिए हर संभव कोशिश में जुट गई.
दिल टूटा तो उठा लिया यह कदम
टीम ने सबसे पहले पीड़िता के माता-पिता से बात की. फिर रिश्तेदारों और दोस्तों के पास पहुंचे. हर सवाल के जवाब में एक नई उम्मीद जागती पर रहस्य गहराता जाता. तकनीकी निगरानी ने आखिरकार रास्ता दिखाया. हेड कांस्टेबल अजीत की सूझबूझ और मेहनत रंग लाई. लड़की का लोकेश दिल्ली के जनकपुरी इलाके में मिली. यह एक ऐसा क्षण था, जब थकी हुई टीम के चेहरों पर राहत की मुस्कान लौट आई थी.
जांच में जो कहानी सामने आई, वह दिल को छू लेने वाली थी. यह लड़की 11वीं कक्षा की छात्रा थी. उसके पिता एक निजी कंपनी में काम करते थे. 22 मार्च को घर में कुछ कहासुनी हुई. माता-पिता ने उसे डांटा और उसका नन्हा दिल टूट गया. गुस्से और उदासी में वह घर से अपनी एकेडमी की क्लास के लिए निकल पड़ी. क्लास खत्म होने के बाद माता-पिता ने उसे फोन किया. उसने कुछ कॉल्स उठाए, पर फिर उसका फोन बंद हो गया. उसकी दुनिया अंधेरे में डूब गई.
दर्द और साहस से हर कोई स्तब्ध
वह नोएडा में अपनी मौसी के घर पहुंची, पर वहां ताला लटका मिला. मौसी ड्यूटी पर थी. निराश होकर वह सुबह दिल्ली लौट आई और जनकपुरी में रुक गई. एक मासूम लड़की, जो गुस्से में घर छोड़कर निकली थी, अब अनजाने शहर में अकेली थी. आखिरकार, पुलिस की मेहनत रंग लाई. उस नन्हीं जिंदगी को सुरक्षित बचा लिया गया. उसे रणहोला थाने के जांच अधिकारी को सौंप दिया गया, ताकि आगे की कानूनी कार्रवाई हो सके. यह कहानी खत्म हुई, पर इसके पीछे छिपा दर्द और साहस हर किसी को सोचने पर मजबूर कर गया.