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Maha Kumbh Mela Lauren Powell News: एप्पल के CEO की पत्नी लॉरेन पॉवेल ध्यान करने के लिए भारत आई हैं. दुनिया के सबसे धनी परिवारों में से एक लॉरेन महाकुंभ के दौरान संन्यासिन की भगवा पोशाक में देखी गई हैं. आज उन्हें पहला अमृत स्नान…और पढ़ें
प्रयागराज : एप्पल के पूर्व सीईओ दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स आज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने वाली थीं, लेकिन उन्हें स्नान करते हुए देखा नहीं गया. इसके बाद से लॉरेन को लेकर चर्चाएं होनी लगीं. हालांकि उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि सामने आए तो उन्होंने साफ किया कि लॉरेन पॉवेल ने पहला अमृत स्नान क्यों नहीं किया. लारेन महाकुंभ में खास तौर पर भाग लेनी आई हैं और वह हिंदू रीति-रिवाजों में खुद को लीन करते हुए आनंदित महसूस कर रही हैं. वह अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद के शिविर में हैं और 29 जनवरी तक महाकुंभ के कई अनुष्ठानों में भाग लेंगी.
निरंजन अखाड़े के स्वामी कैलाशानंद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि “लॉरेन पॉवेल संगम में डुबकी लगाने की रस्म में भाग लेंगी. वह मेरे शिविर में आराम कर रही हैं. हालांकि, उन्हें कुछ एलर्जी है. वह इतनी भीड़भाड़ वाली जगह पर कभी नहीं गई हैं. वह काफी सरल स्वभाव की हैं. पूजा के दौरान वह हमारे साथ रहीं.’
दरअसल, इस विराट हिंदू समागम से पहले लॉरेन को उनके गुरु का गोत्र हासिल होने के बाद हिंदू नाम ‘कमला’ दिया गया. “वह यहां अपने गुरु से मिलने आ रही हैं. स्वामी कैलाशानंद का कहना है कि हमने उनका नाम कमला रखा है और वह हमारे लिए बेटी की तरह हैं. यह दूसरी बार है जब वह भारत में हैं.”
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लॉरेन ध्यान करने के लिए भारत आई हैं. दुनिया के सबसे धनी परिवारों में से एक लॉरेन महाकुंभ के दौरान संन्यासिन की भगवा पोशाक में देखी गई हैं और उन्हें अमृत स्नान जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था, उसमें भाग लेना था. कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें पहले अमृत स्नान (14 जनवरी) और दूसरे मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के दौरान स्नान करना है. लेकिन उन्होंने मकर संक्रांति के दिन पहले अमृत स्नान में हिस्सा नहीं लिया. लॉरेन महाकुंभ में भाग लेने वाले कई वीआईपी, वीवीआईपी, करोड़पति, ऋषियों और संतों में से एक हैं और अपने प्रवास के दौरान ‘कल्पवास’ कर रही हैं.
लॉरेन को इससे पहले शनिवार को अपने गुरु के साथ वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करते देखा गया था. लॉरेन जॉब्स के महाकुंभ में आने पर कहा गया कि उन्हें मंदिर के बाहर से शिवलिंग के दर्शन कराए गए, क्योंकि किसी अन्य हिंदू को भगवान शिव के पवित्र प्रतीक को छूने की अनुमति नहीं है. वह बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं. वह हमारी परंपराओं के बारे में जानना चाहती हैं. गिरि ने कहा, “वह मुझे एक पिता और गुरु के रूप में सम्मान देती हैं. हर कोई उनसे सीख सकता है. भारतीय परंपराओं को दुनिया स्वीकार कर रही है.”
Allahabad,Allahabad,Uttar Pradesh
January 14, 2025, 15:49 IST