SARS-CoV-2 Vaccine And HMPV: दुनियाभर में इस वक्त ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) को लेकर डर का माहौल है. पिछले कुछ सप्ताह से चीन में इस वायरस का कहर देखने को मिल रहा था, लेकिन अब इस वायरस से भारत में दस्तक दे दी है. अब तक देश में करीब 5 लोग एचएमपीवी से संक्रमित हो चुके हैं. देशभर में इस वायरस से बचने की तैयारियां हो रही हैं और लोग इसे कोरोना वायरस की तरह मान रहे हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस और कोरोना वायरस के कुछ लक्षण भी एक जैसे हैं, जिससे इसे उसी तरह का खतरनाक वायरस माना जा रहा है. अब सवाल है कि अगर कोरोना वायरस और HMPV के लक्षण एक जैसे हैं, तो क्या कोरोना वायरस के लिए बनाई गई वैक्सीन HMPV के खिलाफ कारगर हो सकती है? इस बारे में वायरोलॉजिस्ट से जानते हैं.
नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर और सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ. सुनीत कुमार सिंह ने News18 को बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है और इसके लक्षण इंफ्लुएंजा वायरस की तरह होते हैं. अधिकतर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन में सांस लेने में कठिनाई, छाती में भारीपन, पसली चलना और नाक बहने जैसी परेशानियां होती हैं. कोरोना वायरस के कई लक्षण भी इसी तरह के होते हैं और यही वजह है कि लोग HMPV और कोरोना वायरस को एक जैसा मान रहे हैं. हालांकि SARS-CoV-2 और ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस अलग फैमिली के वायरस हैं. इन दोनों वायरस का एंटीजेनिक नेचर भी अलग है. इस वजह से कोरोना वायरस की वैक्सीन HMPV के खिलाफ प्रोटेक्टिव नहीं हो सकती है.
डॉक्टर सुनीत सिंह ने बताया कि अधिकतर वैक्सीन किसी भी वायरस के प्रोटीन से बनाई जाती हैं और इनके खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं. सभी वायरस का प्रोटीन अलग-अलग होता है, जिसकी वजह से एक वायरस की वैक्सीन दूसरे पर प्रभावी नहीं मानी जा सकती है. दोनों के बीच में समानताएं होने के बावजूद वह वैक्सीन दूसरे वायरस के खिलाफ प्रोटेक्टिव नहीं हो सकती है. फिलहाल ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की कोई वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं हैं. चिंता की बात यह है कि HMPV एक RNA वायरस है, जो बेहद तेजी से म्यूटेट कर सकता है. अगर यह म्यूटेट करता रहा, तो इसके केसेस में तेजी से उछाल आ सकता है और हालात बेकाबू हो सकते हैं. वायरोलॉजिस्ट की मानें तो ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की टेस्टिंग भारत में पहले से उपलब्ध है.
क्या चीन और भारत में फैल रहा HMPV एक जैसा है? इस सवाल पर वायरोलॉजिस्ट ने बताया कि चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण बहुत तेजी से केस बढ़ने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी इसका कोई डाटा उपलब्ध नहीं है. अगर चीन में फैलने वाले वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग का डाटा मिल जाए, तो इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि चीन और भारत में फैल रहे HMPV में क्या-क्या समानताएं और क्या अंतर हैं. जीनोम सीक्वेसिंग से यह भी पता लगाने में मदद मिल सकती है कि चीन में इस वायरस के मामले इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं. हालांकि भारत में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस वायरस से बचने के लिए कोरोना जैसे प्रोटोकॉल्स को फॉलो करना होगा. इससे इस वायरस को रोकने में मदद मिल सकती है.
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FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 08:24 IST