सतना: क्या आप जानते हैं कि एक दुर्लभ और प्राचीन वृक्ष इस सदी में भी मौजूद है, जो 8 से अधिक गंभीर बीमारियों का समाधान कर सकता है. दहिमन के नाम से विख्यात इस वृक्ष की पत्तियां, जड़ और छाल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हैं और इसे स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता. यह अद्भुत पेड़ सतना के रामलोटन कुशवाहा की बगिया में आज भी मौजूद है.
सतना के स्थानीय निवासी और प्राचीन औषधियों के जानकार रामलोटन कुशवाहा के अनुसार, यह दुर्लभ पेड़ पूरे प्रदेश में सिर्फ उनकी बगिया में मौजूद है. उन्होंने लोकल 18 को जानकारी देते हुए दावा किया कि यह पेड़ कई गंभीर रोगों के इलाज में उपयोगी है. इसकी मांग भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इसके चलते दुनिया भर के विशेषज्ञ इसे “प्राकृतिक औषधि का खजाना” मानते हैं.
कौन-कौन से रोगों में है उपयोगी?
रामलोटन कुशवाहा ने बताया कि दहिमन का पेड़ कई बीमारियों के उपचार में उपयोगी है, जिनमें ये 8 प्रमुख हैं.
1. कैंसर का इलाज: छाल और पत्तियों से निकला जूस
2. किडनी में सूजन और पाचन संबंधी समस्याएं: छाल का रस
3. सर्पदंश और विषाक्तता: छाल का जूस
4. ब्लड प्रेशर: पत्तियों का चूर्ण
5. मोटापा: छाल का जूस या नींबू रस के साथ छिलके का चूर्ण
6. शराब छुड़ाने में सहायक: पत्तियां या जूस
7. घाव भरने में उपयोगी: पत्तियों का लेप
8. पीलिया का इलाज: पत्तियों या छाल का जूस
दहिमन का ऐतिहासिक महत्व
इतिहास में दहिमन के पत्तों का उपयोग कागज के रूप में होता था. रामलोटन ने बताया कि यदि इन पत्तों पर कुछ लिखा जाए तो वह लिखावट थोड़ी ही देर में उभरकर ऊपर आ जाती है. पुराने समय में इन्हीं पत्तों का उपयोग दस्तावेज लिखने के लिए किया जाता था.
दहिमन की बढ़ती मांग
दहिमन का पेड़ न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण इसकी मांग बढ़ती जा रही है. सतना के इस दुर्लभ पेड़ की महत्ता इसे “प्रकृति का अनमोल तोहफा” बनाती है.
FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 07:44 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.