बदायूं. बदायूं में सूर्यकुंड का मामला गर्मा गया है. सूर्यकुंड पर विश्व हिंदू परिषद और बौद्ध भिक्षु आमने सामने आ गए थे लेकिन अब ग्रामीणों ने भी धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि यह जमीन किसी की नहीं है, गांव की है. गांव के लोग पुर्जा करे. किसी और को यहां प्रवेश न करने दिया जाए . दरअसल सूर्यकुंड पर विहिप केंद्रीय मंडल की टीम दौरा कर सर्वे की रिपोर्ट भी सौंप दी. कुछ दिन पूर्व विहिप,बजरंग दल ने सूर्यकुंड पर दबाई गई शिवलिंग और नन्दीबाबा की मूर्ति निकावाई थी जिसके बाद जल अभिषेक कर पूजा अर्चना की थी. इस मामले में बौद्ध भिक्षुओं पर मूर्ति को जमीन में दबाने का आरोप लगा था. बौद्ध भिक्षु भी सामने आ गए और मालवीय आवास पर विशाल प्रदर्शन किया.
बदायूं की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की और पूरी घटना बताई जबकि समाजवादी के बदायूं सांसद आदित्य यादव पत्र जारी करके बौद्ध भिक्षुयो के साथ में खड़े हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि कुछ लोग सूर्यकुंड पहुंचकर माहौल खराब करना चाहते हैं. इसी के चलते वहां पर तोड़फोड़ और बौद्ध भिक्षुयों से दुर्व्यवहार किया गया. समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष बौद्ध भिक्षुओं के खिलाफ हुई कार्रवाई के चलते धरना प्रदर्शन पर पहुंचे और प्रशासन सहित सरकार पर आरोप लगाए.
सूर्यकुंड में अवैध कब्जा करने वाले 6 लोग गिरफ्तार
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के नगला शर्की के माझिया पर सात दिसंबर को को विहिप और बजरंगदल के पदाधिकारी सूर्यकुंड पर अचानक पहुंचे. उन्होंने देखा कि शिवलिंग और नन्दीबाबा की मूर्तियों को जमीन में दबा दी गई हैं जिसे निकाल कर पुनः स्थापित कर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी. पुलिस ने सूर्यकुंड में अवैध कब्जा करने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार कर शांतिभंग में चालान किया. अगले दिन बौद्ध भिक्षुओं ने मालवीय आवास पर बैठक करके आंदोलन की चेतावनी दी और सूर्यकुंड को बौद्ध भिक्षुओं का बताया था.
इसके बाद वीएचपी और बौद्ध भिक्षु सीधे-सीधे आमने-सामने आ गए. 16 दिसंबर को बौद्ध समुदाय से जुड़े हुए करीब तीन से चार हजार लोग इकट्ठे हुए और मालवीय आवास पर धरना प्रदर्शन शुरू किया. उन्होंने कहा कि यह जमीन पर बौद्ध भिक्षुओं का अधिकार होना चाहिए. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो 21 दिसंबर को और विशाल प्रदर्शन किया जाएगा और सब लोग सूर्यकुंड तक पहुंचेंगे.
राजनीतिक दल भी आ गए आमने-सामने
वहीं इस मामले में राजनीतिक दल के लोग भी आमने-सामने आ गए हैं. बौद्ध भिक्षुओं की तरफ से बदायूं की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य, बिल्सी से भाजपा विधायक, शेखूपुर से पूर्व विधायक मुख्यमंत्री योगी से मिले हैं और कहा कि पूरे मामले का समाधान किया ग. वहीं इस प्रकरण में बदायूं के सांसद आदित्य यादव और आंवला से सपा सांसद नीरज मोर्य भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में जुट गए हैं. बदायूं सांसद आदित्य यादव ने प्रदेश सरकार और प्रशासन को इस गंभीर मामले में संज्ञान लेने की बात कही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने लेटर जारी करते हुए कहा है कि ऐतिहासिक स्थल और बौद्ध स्तूप पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है. प्राचीन बौद्ध स्तूप को कब्जा करने की नीयत से वहां तोड़फोड़ और बौद्ध भिक्षुओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया.
ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू किया
सूर्य कुंड के विवाद के बाद ग्रामीणों ने अब इस पूरे प्रकरण में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि प्रशासन वीएचपी और बौद्ध भिक्षुओं के प्रवेश को रोक लगाए क्योंकि जमीन गांव की है. किसी का अधिकार इस पर नहीं है. गांव वाले यहां जाएं और पूजा-अर्चना करें लेकिन किसी बाहरी लोग का यहां पर प्रवेश बंद हो. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी विवाद इस जमीन को लेकर हुआ था और जिसका मुकदमा भी चला था. गांव के लोग इस मुकदमे में जीत गए थे और पूरी जमीन महादेव और ग्राम समाज की है, इसीलिए इस जमीन पर किसी का भी अधिकार नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 17:42 IST