पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: मुरादाबाद का मास्टर प्लान 2031 लागू हो जाने के बाद अब मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण को लेकर शिकंजा कसने का काम किया जा रहा है. मुरादाबाद महायोजना के सीमावर्ती इलाकों में निगरानी की जा रही है और अवैध निर्माण पर प्राधिकरण कार्रवाई करने जा रहा है. मास्टर प्लान 2031 लागू हो जाने के बाद ऐसे स्थानों को भी चिन्हित किया जा रहा है जहां अवैध तरीके से कॉलोनाइजर शहर की बसावट को खराब करने का काम कर रहे थे. प्राधिकरण ग्रीन बेल्ट, पार्क और अन्य योजनागत जमीनों को संरक्षित रखने के लिए कदम उठा रहा है. ऐसे स्थान, जो मास्टर प्लान में प्राधिकरण के उपयोग के लिए चिन्हित हैं, उनकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है.
एमडीए के अनुसार, शहर के सीमावर्ती इलाकों में हो रहे अवैध निर्माण और अनधिकृत कॉलोनाइजेशन की निगरानी की जा रही है. मास्टर प्लान 2031 में प्रस्तावित रोड, ग्रीन बेल्ट और अन्य सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
एमडीए उपाध्यक्ष शैलेश कुमार ने बताया, “हम महायोजना 2031 के अंतर्गत अवैध निर्माणों पर रोक लगाने के लिए कदम उठा रहे हैं. नागरिकों से अपील है कि जमीन खरीदने से पहले उसके दस्तावेजों की अच्छे से जांच करें.’
ग्रीन बेल्ट और सार्वजनिक भूमि पर सख्त कार्रवाई
शैलेश कुमार ने ये भी स्पष्ट किया कि ग्रीन बेल्ट, पार्क, और मास्टर प्लान में प्रस्तावित मार्गों की जमीनों पर किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध माना जाएगा. भूमाफिया द्वारा ऐसी जमीनों की बिक्री रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जो भी इन नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
रजिस्ट्री पर रोक और दिशा-निर्देश जारी
एमडीए ने यह सुनिश्चित किया है कि मास्टर प्लान में शामिल ग्रीन बेल्ट या सार्वजनिक उपयोग के लिए चिन्हित भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी. भूमि खरीदने वाले नागरिकों को सावधानी बरतने और संबंधित प्रपत्रों की जांच कराने की सलाह दी गई है.
नागरिकों से एमडीए की अपील
प्राधिकरण ने नागरिकों से अपील की है कि भवन निर्माण शुरू करने से पहले नक्शा पास करवाएं और जमीन खरीदने से पहले उसके दस्तावेजों की वैधता सुनिश्चित करें. इससे न केवल अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, बल्कि शहर की योजनागत विकास प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा.
FIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 17:22 IST