ICMR Warns Broiler Chicken Consumption: सर्दियों में कई लोग बॉडी बनाने के लिए अपनी डाइट में चिकन शामिल करते हैं. बच्चों को भी खूब चिकन खिलाया जाता है. लेकिन अगर इन सर्दियों में आप भी चिकन खाने के बारे में सोच रहे हैं तो सतर्क हो जाएं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने ब्रोइलर चिकन में खतरनाक बैक्टीरिया होने की पुष्टि की है, जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. केरल में बिकने वाले ब्रॉयलर चिकन में खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया है, जो दवाओं का प्रतिरोध कर सकते हैं. यह एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस तब होती है जब बैक्टीरिया दवाओं को बेअसर करने की क्षमता विकसित कर लेते हैं. इसी तरह की स्थिति तेलंगाना से लिए गए नमूनों में भी पाई गई है. आईसीएमआर की मानें तो मुर्गी फार्मों में एंटीबायोटिक्स के अंधाधुंध इस्तेमाल की वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं.
क्या होता है ब्रॉयलर चिकन (What Is Broiler Chicken)
ब्रॉयलर चिकन एक प्रकार का घरेलू चिकन है जिसे मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है. इसे विशेष रूप से इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह तेजी से बढ़े और कम समय में अधिक मांस दे. ब्रॉयलर चिकन आमतौर पर 35-45 दिनों में तैयार हो जाता है और बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होता है. इस तरह के चिकन में खास नस्लों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि कोब्ब-500, रॉस-308 आदि, जिन्हें वैज्ञानिक तरीकों से विकसित किया गया है. हालांकि इस चिकन को लेकर चिंताएं बनी रहती हैं, जैसे कि इन पर इस्तेमाल होने वाले एंटीबायोटिक्स और हार्मोन्स, जो मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं.
ICMR ने ब्रोइलर चिकन में खतरनाक बैक्टीरिया होने की पुष्टि की है.
चिकन में मिले ई. कोलाई और स्टैफिलोकोकस जैसे खतरनाक बैक्टीरिया
ICMR ने उन बैक्टीरिया की एक सूची भी तैयार की है जो नमूनों में दवाओं को बेअसर करने में सक्षम पाए गए हैं. यह चौंकाने वाली बात है कि इस सूची में कई खतरनाक बैक्टीरिया शामिल हैं, जैसे कि क्लेब्सिएला न्यूमोनिया और स्टैफिलोकोकस. चौंकाने वाली बात ये है कि इन सैंपलों में ई. कोलाई बैक्टीरिया भी पाया गया है, जो डायरिया का कारण बनता है. इसके अलावा स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया, जो त्वचा रोगों का कारण बनता है, भी नमूनों में पाए गए हैं.
इस खतरनाक बैक्टीरिया पर दवाएं भी फेल
अगर आप ये सोच रहें हैं कि पका हुआ चिकन खाने पर आप इस बैक्टीरिया से बच सकते हैं, तो आप गलत हैं. इन नमूनों में पाए जाने वाले कई बैक्टीरिया इतने मजबूत हैं कि उन्हें उच्च तापमान पर पकाने के बाद भी नष्ट नहीं किया जा सकता. केरल को तीन क्षेत्रों में विभाजित करके किए गए अध्ययन में पाया गया कि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस ज्यादातर दक्षिणी क्षेत्र से लिए गए नमूनों में पाई गई. इस स्टडी से जो रिजल्ट सामने आए हैं, उनसे हेल्थ सेक्टर में एक नई और बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. दरअसल अगर किसी इंसान को ऐसा चिकन खाने से ये खातक बैक्टीरिया अपनी चपेट में ले लेता है, तो उनसे होने वाली बीमारियों का इलाज भी संभव नहीं होगा. क्योंकि ये बैक्टीरिया एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस लिए हुए है. यानी इनपर दवाएं भी असर नहीं करेगी. डॉ. शोबी वलेरी की लीडरशिप में हुई इस स्टडी को ICMR के राष्ट्रीय पोषण संस्थान के ड्रग सेफ्टी डिवीजन के अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
कैसे खरीदें सुरक्षित ब्रोइलर चिकन
– प्रामाणिक कसाई या किराना स्टोर से ही खरीदें अपना चिकन. ऑर्गेनिक चिकन खरीदने का प्रयास करें क्योंकि वे हार्मोन से मुक्त होते हैं.
– फ्रोजन चिकन को खरीदने से बचें और ताजा चिकन ही खरीदें. जमे हुए चिकन में अतिरिक्त संरक्षक और पानी हो सकता है, जिससे इसका स्वाद अलग हो सकता है.
– चिकन खरीदते समय ऐसा चिकन चुनें जो पहले से छांटा और हड्डी से अलग किया हुआ हो. ये प्रक्रियाएं यदि उचित खाद्य सुरक्षा उपायों के साथ की जाती हैं, तो दूषित होने की संभावना कम हो जाती है.
Tags: Food, Food diet, Health Department
FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 11:38 IST