क्या है अमेजन के मालिक जेफ बेजोस का सुबह एक घंटे का नियमक्यों जेफ बेजोस सुबह एक घंटे मोबाइल और लैपटॉप की ओर देखते तक नहींरिसर्च कहती हैं कि मोबाइल और स्क्रीन पर ज्यादा टाइम ब्रेन के लिए नुकसानदेह
अमेजन के मालिक जेफ बेजोस अपने तेज दिमाग के लिए जाने जाते हैं. अमेजन आज अगर दुनियाभर में सबसे बड़ा ई कामर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है, तो इसमें उनका तेज मार्केटिंग दिमाग का भी काफी योगदान है. उनकी कंपनी बेशक दुनियाभर में अपने प्लेटफॉर्म से सबसे ज्यादा मोबाइल फोन बेचती हो लेकिन खुद बेजोस सुबह एक घंटे के लिए किसी भी तरह की स्क्रीन से खुद तो दूर रखते हैं, चाहे वो स्मार्टफोन हो या फिर लैपटॉप.
इसको वह सुबह का एक घंटे का रूल कहते हैं. इस एक घंटे में वह क्या करते हैं. क्यों मोबाइल या स्क्रीन गैजेट्स से दूर रहते हैं. सुबह अगर वह एक घंटे तक मोबाइल या लैपटॉप बिल्कुल नहीं चलाते. इनको छूते भी नहीं तो इससे उन्हें क्या फायदा होता है.
अमेज़न के संस्थापक जेफ बेजोस अपनी कार्यशैली में कुछ अनोखे नियमों को शामिल किया है, जिनमें से एक “एक घंटे का नियम” शामिल है. इस नियम के अनुसार, बेजोस हर दिन एक घंटे का समय स्क्रीन से दूर बिताते हैं. इस समय में बेजोस अपने दिन की योजनाओं पर विचार करते हैं, महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और अपने लक्ष्यों को निर्धारित करते हैं.
जेफ बेजोस की कंपनी अमेजन दुनियाभर में सबसे् ज्यादा मोबाइल फोन बेचती है लेकिन वो खुद मोबाइल को सुबह एक घंटे हाल भी नहीं लगाते. (फोटो: Canva)
क्यों करते हैं ऐसा
बेजोस का मानना है कि लगातार स्क्रीन पर रहने से मानसिक थकान होती है. यह रचनात्मकता यानि क्रिएटिविटी को प्रभावित कर सकता है. इसलिए वह एक घंटे का समय अपने विचारों को स्पष्ट करने और ध्यान केंद्रित करने के लिए निकालते हैं. वह “माइंड वांडरिंग” (मन का भटकना) को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे नए विचारों और समाधान खोजने का अवसर मिलता है. यह प्रक्रिया उनके और उनकी टीम के लिए रचनात्मक सोच को बढ़ावा देती है.
इस दौरान क्या करते हैं
इस समय में वह ध्यान लगाते हैं. अपने विचारों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे उन्हें नए दृष्टिकोण और विचारों को विकसित करने में मदद मिलती है.
इस एक घंटे का नियम उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने और दिन की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है. (wiki commons)
इस व्यक्तिगत समय में बेजोस अपने परिवार के साथ भी समय बिताते हैं, जैसे कि बच्चों के साथ नाश्ता करना, जो उनके लिए महत्वपूर्ण है. यह उनके व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.
मूड बेहतर होता है
अच्छी नींद और सुबह की शांत स्थिति उन्हें दिनभर ऊर्जा देती है. बेजोस का मानना है कि एक अच्छी सुबह उनके मूड को बेहतर बनाती है, जिससे वह पूरे दिन सक्रिय रह सकते हैं. इन सभी कारणों से, बेजोस का सुबह स्क्रीन से दूर रहना उनके लिए एक महत्वपूर्ण दिनचर्या बन गया है, जो उनकी सफलता और मानसिक स्वास्थ्य में योगदान देता है.
कई प्रमुख हस्तियां बनाने लगीं स्क्रीन से दूरी
वैसे केवल जेफ बेजोस ही नहीं कई प्रमुख हस्तियों ने विभिन्न कारणों से सोशल मीडिया और स्क्रीन टाइम से खुद को दूर रखने का फैसला किया है, जो मुख्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य, गोपनीयता और व्यक्तिगत भलाई से संबंधित हैं.
सेलेना गोमेज़ – अपने मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभावों का अनुभव करने के बाद, गोमेज़ चार साल से अधिक समय से सोशल मीडिया से दूर रही हैं, उनकी सहायक उनका अकाउंट संभालती है. उन्होंने अपने ब्रेक को मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा बताया.
अच्छी नींद और सुबह की शांत स्थिति उन्हें दिनभर ऊर्जा देती है. बेजोस का मानना है कि एक अच्छी सुबह उनके मूड को बेहतर बनाती है. (wiki commons)
एम्मा स्टोन – स्टोन ने 2012 में हैक होने के बाद अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया. तब से सोशल मीडिया से दूर हैं, उनका मानना है कि ज्यादा स्क्रीन टाइम और सोशल मीडिया उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं.
आमिर खान- अपने जन्मदिन पर, खान ने घोषणा की कि वह सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म छोड़ देंगे. फिलहाल वह किसी सोशल प्लेटफॉर्म पर नहीं हैं.
बिल गेट्स भी कम स्क्रीन टाइम के पक्ष में
गेट्स ने अपने बच्चों को कम से कम तकनीक के संपर्क में लाकर बड़ा किया, जब तक कि वे 14 साल के नहीं हो गए. Microsoft के सह-संस्थापक सीमित स्क्रीन टाइम की आवश्यकता के बारे में मुखर रहे हैं, खासकर बच्चों के लिए. उन्होंने बताया कि उनके बच्चों को 14 साल की उम्र तक सेलफोन नहीं मिला था और घर पर तकनीक के इस्तेमाल के लिए सीमाएं तय थीं.
स्टीव जॉब्स घर पर आईपैड नहीं चलाने देते थे
एप्पल के दिवंगत सह-संस्थापक ने अपने बच्चों के तकनीक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि वे घर पर आईपैड का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे बेहतर रिश्तों और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए स्क्रीन टाइम को सीमित करने में विश्वास करते थे.
दुनिया के वो हिस्से जहां गैजेट्स का कम इस्तेमाल
– अफ्रीका के कई हिस्सों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम होता है. खासकर सहारा इलाकों में. वैसे वहां इंटरनेट की पहुंच भी नहीं है.
– अमेज़न वर्षा वन की जनजातियाँ आधुनिक तकनीक से दूर रहती हैं. अपनी पारंपरिक जीवनशैली को बनाए रखती हैं. यहां मोबाइल और अन्य गैजेट्स का प्रयोग बहुत सीमित है.
– प्रशांत के छोटे द्वीप टुवालु और नाउरू में तकनीकी संसाधनों की पहुंच सीमित है. यहां लोग अधिकतर प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं.
– अमेरिका का धार्मिक समुदाय आमिश समुदाय (Amish) आधुनिक तकनीक का उपयोग नहीं करता. वो सरल जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाकर रखते हैं.
रिसर्च क्या कहती हैं
मोबाइल और स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से मस्तिष्क पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। शोध और विशेषज्ञों के अनुसार, ये प्रभाव इस तरह हैं
– मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल मस्तिष्क की सोचने-समझने और सीखने की क्षमताएं कमजोर हो सकती हैं. ज्यादा उपयोग आलसी बना सकता है.
– स्क्रीन पर अधिक समय से वास्तविक जीवन में सामाजिक इंटरैक्शन कम हो जाता है, जिससे सामाजिक और भावनात्मक कौशल में कमी आ सकती है
– सोने से पहले मोबाइल का उपयोग नींद के पैटर्न को बिगाड़ सकता है. मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के स्तर को कम कर देती है, जिससे नींद में समस्या हो सकती है.
– अधिक स्क्रीन टाइम चिंता और अवसाद के लक्षणों को बढ़ा सकता है. सोशल मीडिया के लगातार उपयोग से मस्तिष्क में डोपामिन का स्तर बढ़ता है.
– लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में जलन, दृष्टि समस्याएं, सिरदर्द और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जो हेल्थ के लिए खराब हैं.
Tags: Amazon CEO, Jeff Bezos, Mobile Phone
FIRST PUBLISHED : November 26, 2024, 18:54 IST