शिमला. सर्दियां शुरू हो चुकी है, ऐसे में हृदय और सांस संबंधी मरीजों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यक्ता होती है. वहीं, पहाड़ों पर रहने वाले ऐसे लोगों को भी विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ऊंचाई बढ़ने के साथ ही ठंड अधिक होती है और ऑक्सीजन का स्तर भी कम होता है. शिमला में हाल ही में ठंड के कारण इस वर्ष पहली मौत का मामला भी सामने आया है. इसलिए सभी लोगों को स्वयं को ठंड से बचाना चाहिए और किसी भी बीमारी से ग्रसित लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए.
सर्दियों में लोगों को 3 कैटेगरी में बांटते है डॉक्टर
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवम् अस्पताल(IGMC) के ह्रदय रोग आचार्य डॉ. अरविंद कंदोरिया ने बताया कि सर्दियों के दौरान लोगों को 3 कैटेगरी में रखा जाता है. पहले, जिन लोगों को किसी प्रकार की बीमारी नहीं है. दूसरे, जिन्हें हार्ट अटैक नहीं हुआ, लेकिन उनमें हाई ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी बीमारियां है. तीसरे, ऐसे लोग जिन्हें पहले हार्ट अटैक हो चुका है. सर्दियों के दौरान सभी लोगों को ठंड से बचाना चाहिए. यदि कोई मरीज है, तो उन्हें धूम्रपान नहीं करना चाहिए. सभी लोगों को ताजी सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए और यदि कोई भी मुश्किल पेश आती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
हल्की धूप निकलने के बाद सैर पर जाए
कई लोग नियमित रूप से सुबह की सैर पर जाते है. ऐसे में हृदय रोग से संबंधित लोगों को सुबह की सैर के लिए हल्की धूप निकलने के बाद ही जाना चाहिए. ठंड से खुद को बचाना बहुत जरूरी है. हालांकि, हृदय रोग के मरीजों के अलावा भी सभी लोगों को नियमित व्यायाम करना चाहिए. यदि लोग सर्दियों में सैर करने जाते है तो दस्ताने, टोपी, स्वेटर पहन कर ही बाहर निकलना चाहिए. सर्दियों में विशेष तौर पर शरीर का वजन नहीं बढ़ने देना चाहिए.
सर्दियों में अच्छा फ्लूइड इंटेक बहुत जरूरी
डॉ. अरविंद कंदोरिया बताते है कि सर्दियों में सभी लोगों के लिए अच्छी मात्रा में फ्लूइड इंटेक बहुत जरूरी है. वहीं, ऐसे मरीज जिन्हें बीमारियां हैं लेकिन हार्ट अटैक नहीं आया है. ऐसे लोगों को नियमित रूप से दवाइयां लेनी चाहिए. वहीं, फ्लूइड इंटेक के लिए गुनगुना पानी, सूप, जूस आदि का सेवन करना चाहिए. यदि फ्लूइड का इंटेक कम होता है, तो खून गाढ़ा हो जाता है और ऐसे में अटैक के चांस बढ़ जाते है.
दवाइयों का रेगुलर भंडारण होना बहुत जरूरी
वहीं, ऐसे लोग जिन्हें हार्ट अटैक हो चुका है, उन्हें डरना नहीं चाहिए. सर्दियों में किसी भी प्रकार की स्थिति आ सकती है. इसलिए लोगों के पास नियमित रूप से दवाइयां का भंडारण होना चाहिए और नियमित सेवन करना भी बहुत आवश्यक है. लोगों को ठंड से खुद को बचाना बहुत जरूरी है. क्योंकि अचानक से लगने वाली ठंड से नालियां सिकुड़ जाती है. ऐसे में दोबारा से अटैक होना संभावित है. कोई भी मुश्किल होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए या फोन पर संपर्क करना चाहिए.
Edited By- Anand Pandey
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FIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 21:16 IST