दिल्ली-NCR में तमाम कोशिशों के बावजूद भीषण वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। पिछले तीन दिन से दिल्ली में Air Quality Index Severe-Plus category में है। दिल्ली के बहुत से इलाकों में AQI 500 से ऊपर था। दिल्ली के कई इलाकों में एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया गया, पानी का छिड़काव किया गया। ग्रैप-4 के तहत तमाम पाबंदियों को सख्ती से लागू कराया जा रहा है लेकिन इन सबका कोई खास असर नहीं दिख रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही हाल रहा, अगर आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई रही, तो अगले दो हफ्ते तक तो दिल्ली वालों को ज़हरीली हवा में ही सांस लेनी पड़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि सर्दी बढ़ रही है, तापमान गिरेगा, ऐसे में अगर हवा की रफ्तार न बढ़ी, बारिश न हुई तो दिल्ली वालों को फरवरी तक वायु प्रदूषण की मुसीबत झेलनी होगी।
दिल्ली में सबसे ज्यादा परेशानी आसमान में छाए धुंध की वजह से हो रही है और उसके दो ही उपाय हैं- या तो बहुत तेज़ हवा चले या फिर बारिश हो जाए। इसलिए अब दिल्ली में नकली बारिश कराने की चर्चा शुरू हो गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिख कर सुझाव दिया है कि नकली बारिश पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार तुरंत एक मीटिंग बुलाए। गोपाल राय ने कहा कि वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इससे पहले भी 3 बार चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। इसलिए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में दखल देना चाहिए।
नेता चाहें कितनी ही बातें कर लें, एक दूसरे पर चाहे जितने भी आरोप लगा लें, किसी के पास दिल्ली के वायु प्रदूषण का कोई ठोस हल नहीं है। मोटी सी बात है कि अगर तेज़ हवा चलेगी, तो प्रदूषण कम हो जाएगा। अगर बारिश होगी तो प्रदूषण खत्म हो जाएगा। हवा चलाना किसी के बस में नहीं हैं। लेकिन कुछ लोग नकली बारिश की बात करते हैं। बनावटी बारिश cloud seeding के जरिए की जाती है। कई लोगों ने पूछा कि अगर दुबई में cloud seeding के जरिए बारिश कराई जा सकती है तो ये दिल्ली में क्यों नहीं हो सकता?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 और 2021 में artificial rain की कोशिश की गई थी पर नाकाम रही। इसका कारण ये है कि cloud seeding के लिए थोड़े बहुत बादल होना जरूरी है। हवा में नमी का होना ज़रूरी है, पर सर्दियों में दिल्ली की हवा ठंडी और सूखी होती है। Cloud seeding या नकली बारिश का प्रोसेस हवा में नमी को बारिश में कन्वर्ट करता है। अगर बादल होते, हवा में नमी होती, तो कृत्रिम दबाव बनाकर बरसात कराई जा सकती थी लेकिन जानकार कहते हैं कि दिल्ली में इस समय तो ये संभव नहीं। (रजत शर्मा)
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