पीलीभीत : आमतौर जेल या आर्मी कैंट, एयरपोर्ट या फिर संवेदनशील स्थानों को हाई सिक्योरिटी इंतजामों से लैस किया जाता है. लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि यूपी में एक रेलवे स्टेशन ऐसा है जहां एक किलोमीटर के दायरे तक तारबंदी की गई है तो आपको हैरानी तो जरूर होगी. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का एक स्टेशन ऐसा है जहां स्टेशन के चारों तरफ कई फीट ऊंची चेन लिंक फैंसिंग की गई है. यह रेलवे स्टेशन पीलीभीत लखनऊ रेलखंड पर पड़ने वाला माला रेलवे स्टेशन है.
कुछ साल पहले तक पीलीभीत-लखनऊ रेलखंड मीटरगेज के जरिए कनेक्ट हुआ करता था.लेकिन समय बीतने के साथ इस रेलखंड पर गेज परिवर्तन का कार्य किया गया. अब यह रेलखंडस ब्रॉडगेज से लखनऊ तक जुड़ा है. यह रेलखंड पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के घने जंगलों से होकर गुजरता है. ऐसे में कई वर्षों तक गेज परिवर्तन का कार्य प्रभावित भी रहा था. कई साल तक मामला ठंडे बस्ते में पड़े रहने के बाद जंगल में वन्यजीवों की सुगम आवाजाही के लिए अंडरपास बनाने से लेकर कई शर्तों के बाद लगभग 10 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड पर कार्य सुचारू हो सका. कुछ समय पूर्व ही इस रेलखंड पर रेल सेवा शुरु हुई है.
इन शर्तों के साथ होता है ट्रेन का संचालन
आपको बता दें कि पीलीभीत का माला रेलवे स्टेशन साल के घने जंगलों के मध्य स्थित है. वहीं इस वन रेंज में वन्यजीवों का जनसंख्या घनत्व भी अच्छा खासा है. ऐसे में रेलवे स्टेशन आने वाले यात्री और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से कई एहतियात बरते जाते हैं. इस रेलखंड पर ट्रेनों को महज 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजारा जाता है. वन्यजीव जंगल से रेलवे स्टेशन परिसर साथ ही रेलवे स्टेशन से यात्री जंगल में प्रवेश न करने पाएं इसके लिए स्टेशन को चारों ओर से लगभग 1 किलोमीटर तक लगभग 9 फीट ऊंचे चेन लिंक फेंस से कवर किया गया है.
FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 20:46 IST