झांसी : 21 वीं सदी में युद्ध का तरीका बदल रहा है. जहां युद्ध में पहले सैनिकों पर युद्ध का परिणाम निर्भर करता था वहीं अब तकनीक हावी होते जा रही है. मार्केट में धड़ल्ले से बिकने वाले ड्रोन रूस यूक्रेन जंग में चर्चा का केंद्र बने हुए है. ड्रोन का इस्तेमाल दोनों सेनाओं की ओर से जमकर हो रहा है. दोनों सेनाओं की ओर से ड्रोन का इस्तेमाल दुश्मनों का ठिकाना खोजने, मिसाइल दागने और आर्टिलरी फायरिंग में किया जा रहा है. आंकड़ों के अनुसार यूक्रेन की सेना ड्रोनों का इस्तेमाल रूस की अपेक्षा ज्यादा कर रही है. यह ऐसा ड्रोन है जो एक बार जहां फायर करता है, वहां बड़ी संख्या में लोगों को नुकसान पहुंचाता है. इस ड्रोन का इस्तेमाल अब भारतीय सेना भी करने जा रही है. यह ड्रोन भारतीय कंपनी द्वारा तैयार किया गया है. भारत के एक स्टार्टअप द्वारा इस ड्रोन को तैयार किया गया है.
जॉनेट टेक्नोलॉजी के अभिनव ने लोकल 18 को बताया कि उनकी कंपनी द्वारा बनाया गया यह खास ड्रोन टारगेट को खत्म करने के काम आता है. यह बंकर उड़ाने के भी काम आता है. भारतीय सेना इसका इस्तेमाल कर रही है. इसमें एक ग्रेनेड भी लगा हुआ है. जो दुश्मन के ऊपर सीधा गिरता है. इसके अंदर से छर्रे निकलते हैं जो 15 मीटर एरिया में फैलता है और दुश्मन सेना को नुकसान पहुंचाता है. अभिनव ने बताया कि 15 मीटर में लगभग 30 लोग होते हैं.
पूर्व सेना के अधिकारी ने किया तैयार
अभिनव ने बताया कि उनकी कंपनी पिछले 3 साल से इस ड्रोन को तैयार कर रही थी. भारतीय सेना के साथ ट्रायल भी किया गया है. भारतीय सेना ने ऐसे 150 ड्रोन खरीद लिए हैं. उन्होंने बताया कि इस कंपनी के सीईओ नौसेना से रिटायर्ड अधिकारी हैं. इस ड्रोन को भारत सरकार की मदद के साथ ही एक्सपोर्ट किया जाएगा.
FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 21:20 IST