मेरठ: दीपावली के मौके पर वायु प्रदूषण को लेकर किए गए पूर्वानुमान पूरी तरह से सच साबित हुए. पहले से ही खराब वायु गुणवत्ता (AQI) और बढ़ते प्रदूषण के स्तर ने दिवाली पर पटाखों की आतिशबाजी के बाद स्थिति को और भी बिगाड़ दिया है. इससे न केवल सांस की समस्याएं बढ़ी हैं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है. राज्य के कई जिलों में AQI 250 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना जाता है.
पश्चिम से लेकर पूर्व तक लगभग एक जैसे हालात हैं. उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के सबसे खराब स्थिति वाले जिलों में मेरठ और हापुड़ हैं, जहां AQI 268 तक पहुंच चुका है. सहारनपुर भी 260 AQI के साथ खतरनाक स्थिति में है. अन्य जिलों में पीलीभीत, शाहजहांपुर, बरेली और बदायूं का AQI 254 तक पहुंच गया है, जबकि बुलंदशहर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और रामपुर भी 206 से 252 के बीच AQI स्तर पर हैं. ये सभी जिले “बीमारू श्रेणी” में आते हैं, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं.
अपेक्षाकृत कम प्रदूषित जिले
राज्य के कुछ जिलों में वायु गुणवत्ता की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है. मिर्जापुर में AQI 116, जौनपुर में 132 और हाथरस में 155 दर्ज किया गया है. इसके अलावा, नोएडा में 192, गोरखपुर में 173, झांसी में 176, कानपुर में 195, लखनऊ में 178, और मथुरा में AQI 152 पर है. हालांकि, ये जिले भी स्वस्थ्य श्रेणी से दूर हैं और प्रदूषण का स्तर यहां भी चिंताजनक बना हुआ है.
स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी आवश्यक
डॉ. अभिषेक के अनुसार, प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. विशेष रूप से अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. उन्होंने सभी लोगों से मास्क का उपयोग करने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने का अनुरोध किया है.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 10:43 IST