Osteoporosis Risk Factors: ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं और छोटा सा झटका लगने पर भी फ्रैक्टर होने लगता है. इस बीमारी की वजह से हड्डियों के बार-बार टूटने का खतरा बढ़ जाता है. इस बीमारी में बोन डेंसिटी कम हो जाती है और उनके स्ट्रक्चर में भी बदलाव आ जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस होने पर नॉर्मल एक्टिविटीज के दौरान भी हड्डियां टूट सकती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस का मुख्य कारण उम्र और हॉर्मोनल परिवर्तन है. महिलाओं को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. आज जानेंगे कि महिलाओं को इस बीमारी का खतरा ज्यादा क्यों होता है.
मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा होता है. इसकी सबसे बड़ी वजह हॉर्मोनल बदलाव होते हैं. मेनोपॉज के दौरान इसका खतरा ज्यादा होता है. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है. एस्ट्रोजन हड्डियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हड्डियों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को बनाए रखता है. जैसे-जैसे शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल कम होता है, वैसे ही हड्डियों की टूटने की दर बढ़ जाती है. इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है.
महिलाओं की बोन डेंसिटी पुरुषों की हड्डियों की तुलना में कम होती है. इसका मतलब है कि महिलाओं को बोन डेंसिटी की कमी का सामना करना पड़ता है. उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का नेचुरल तरीके से पुनर्निर्माण धीमा हो जाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम और भी बढ़ जाता है. इस प्रकार हार्मोनल परिवर्तन और शारीरिक संरचना दोनों मिलकर महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के हाई रिस्क का कारण बनते हैं.
महिलाओं के लिए पोषण भी एक महत्वपूर्ण कारक है. अगर महिलाओं में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो जाती है, तो यह हड्डियों की मजबूती को और कम कर सकता है. इसके अलावा स्मोकिंग और शराब पीने से भी हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है. जेनेटिक फैक्टर्स भी ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को प्रभावित करते हैं. ऑस्टियोपोरोसिस की फैमिली हिस्ट्री होने पर भी महिलाओं को अधिक खतरा होता है. अगर किसी महिला के परिवार में हड्डियों से संबंधित समस्याएं रही हैं, तो उसका जोखिम भी बढ़ जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 15:59 IST