बहराइच हिंसा को लेकर महसी सीट से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने बीजेपी नेताओं पर ही एफआईआर दर्ज कराई है। इसे लेकर सपा-कांग्रेस हमलावर हुए तो विधायक ने सफाई दी है।
बहराइच हिंसा को लेकर महसी सीट से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने बीजेपी नेताओं पर ही एफआईआर दर्ज कराई है। इसे लेकर सपा और कांग्रेस बीजेपी पर पहले से ज्यादा हमलावर हो गई हैं। इसे लेकर विधायक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए सफाई दी है। कहा कि मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा को लेकर एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई है। महाराजगंज हिंसा और अस्पताल चौराहे पर बवाल की घटनाएं अलग-अलग हैं।
कहा कि 13 अक्तूबर की रात मृतक रामगोपाल मिश्रा का शव रखकर धरना दिया जा रहा था। एक मां का बेटा, पत्नी का पति चला गया था। जबकि कुछ लोग इसे तूल दे रहे थे। उन्होंने शव को मर्च्युरी में रखवाया। उस समय डीएम, नगर मजिस्ट्रेट, डीआईजी सभी थे। उस दौरान उनकी गाड़ी पर हमला करने की कोशिश हुई थी। हमला करने वालों पर एफआईआर कराई गई है। अगर ऐसा करना ही दंगा है, तो इसका कोई जवाब नहीं है।
विधायक मंगलवार दोपहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि घटना 13 अक्तूबर की रात को हुई। उन्होंने एफआईआर 18 अक्तूबर की शाम दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज कराने के बाद पता चला कि एक नामजद भाजयुमो का नगर अध्यक्ष है। लोगों ने कहा था कि कुछ भाजपा के लोग है। यदि ऐसा था तो उनको आकर बताना था।
कहा कि मर्च्युरी में शव रखवाए जाने के बाद बलवाइयों ने तोडफ़ोड़ की। एम्बुलेंस पर पथराव किया। चालक एंबुलेंस लेकर भाग गया। बाद में लोगों ने बताया कि मर्च्युरी की दीवार भी ढहा दी गई। पथराव किया, फायरिंग की। यह उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अस्पताल चौराहे पर लगभग सभी दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। विवेचक सभी को खंगाल कर बलवाइयों को चिन्हित कर कार्यवाई करेगा। केस दर्ज कराने से न तो कोई मुल्जिम हो जाता है, और न ही कोई दोषी हो जाता है। सपा सुप्रीमो यदि कह रहे हैं कि दंगा भाजपाइयों ने कराया है, तो एफआईआर में दर्ज सभी भाजपाई नहीं हैं।
कहा कि अखिलेश यादव उप चुनाव को लेकर ऐसे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। महाराजगंज बवाल व अस्पताल चौराहे की घटनाएं अलग-अलग हैं। इनका एक दूसरे से कोई कनेक्शन नहीं है। अस्पताल चौराहे के अधिकांश बलवाई नशे में थे। जो मृतक को अपना भाई बता रहे थे, नशे में शव पर ही बैठे जा रहे थे। उन्होंने उन्हें धक्का देकर हटाया।
लाश मर्च्युरी ले जाने में वह, दिवाकर तिवारी, अखंड प्रताप सिंह व मृतक का भतीजा किशन था। बाकी बलवाई राजनैतिक तूल दिए जा रहे थे। एक पोर्टल पर वायरल वीडियो के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उसमें जो बोल रहे हैं। वह भूमि पर बैठकर चिप्पड़ बना रहे है। नशेड़ियों की बात विश्वास करने लायक नहीं है।