अखिलेश यादव के कल आने की भनक लगते ही JPNIC को पुलिस ने गुरुवार की देर शाम ही घेर लिया। यही नहीं JPNIC के गेट को फांदकर इस बार भी अखिलेश यादव अंदर न जा सकें इसका भी इंतजाम शुरू हो गया है।
कल यानी शुक्रवार को जयप्रकाश नारायण की जयंती है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछली बार की तरह इस बार भी लखनऊ में स्थित जय प्रकाश नारायण नेशनल कन्वेंशन सेंटर (JPNIC) जाकर श्रद्धांजलि देने वाले हैं। इसकी भनक लगते ही JPNIC को पुलिस ने गुरुवार की देर शाम ही घेर लिया। यही नहीं JPNIC के गेट को फांदकर इस बार भी अखिलेश यादव अंदर न जा सकें इसका भी इंतजाम शुरू हो गया है। गेट के ऊपर टीन की चादरें लगाई जा रही हैं। सरकार की इस मंशा पर अखिलेश यादव ने तंज भी कसा है। एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।
समाजवादी पार्टी की तरफ से भी इसे लेकर कड़ा प्रतिरोध सोशल मीडिया पर हुआ है। समाजवादी पार्टी ने एक्स पर लिखा कि सरकार लोकतंत्र पर निरंतर प्रहार कर रही है। यूपी सरकार द्वारा लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की जयंती पर उनके नाम पर बने JPNIC पर दोबारा ताला लगाने का प्रयास, अत्यंत निंदनीय है। जय प्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण न करने देना भाजपा की गंदी राजनीति को दर्शाता है। इस जनविरोधी सरकार ने लखनऊ में बने JPNIC जैसे विकास कार्य को बरबाद करके महापुरुषों का अपमान किया है। समाजवादी इन तानाशाहों के आगे झुकेंगे नहीं!
टीन लगाने की कार्यवाही ऐसे समय शुरू हुई है जब सपा की तरफ से अखिलेश यादव के JPNIC जाने का प्रोटोकाल जारी किया गया है। लखनऊ के पुलिस कमिश्नरेट, डीएम के साथ ही अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा और उप पुलिस महानिरीक्षक सुरक्षा को संबोधित लेटर में बताया गया है कि अखिलेश यादव शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि अर्पित करने JPNIC जाएंगे।
JPNIC को इस तरह से टीन से घेरने पर सपा प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने भी कड़ा प्रतिरोध किया है। धूपचंडी ने कहा कि लोकतंत्र के मसीहा जयप्रकाश नारायण जी के आदर्शों को याद करने के लिए जुटना था, लेकिन सरकार की मंशा कुछ और है। JPNIC के गेट पर टीन की ऊंची दीवार खड़ी कर दी गई, ताकि उनके विचारों की ताकत को सीमित किया जा सके।
यही वो जगह है जहां पिछले साल भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने 8 फीट ऊंचे गेट को फाँद कर माल्यार्पण किया था। लेकिन ये दीवारें हमारे संकल्प को नहीं रोक सकतीं। जिस विचारधारा ने तानाशाही को चुनौती दी, उसे ये सरकार कैसे दबा पाएगी?
धूपचंडी ने एक्स पर लिखा कि रास्ता रोकने से कब रुकी है हवा, सोचो न कितना मिलेगा तुम्हें फ़ायदा, दीवारें ऊंची कर लो चाहे जितनी, इरादे हमारे और होंगे बुलंद हर दफ़ा।