यूपी सरकार का भ्रष्टाचार पर एक बार फिर हंटर चला है। सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जौनपुर के मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) गणेश प्रसाद सिंह और बिजनौर के उपजिलाधिकारी आदेश सिंह सागर को निलंबित करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच अलग-अलग मंडलों के मंडलायुक्तों को सौंपी गई है।
जौनपुर के सीआरओ गणेश प्रसाद सिंह पर वित्तीय अनियमित्ताओं के साथ ही सरकारी कामकाज में गड़बड़ी करने का आरोप है। शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी जौनपुर ने नियुक्ति विभाग को उन्हें निलंबित किए जाने के संबंध में पत्र भेजा था। जांच के बाद उनके ऊपर लगाए गए आरोप की पुष्टि हुई है। इसमें पाया गया कि गणेश प्रसाद सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। भुगतान में नियमों का ध्यान नहीं रख रहे हैं। इतना ही नहीं उच्चाधिकारियों से बिना अनुमति लिए ही अपने स्तर से काम करते रहे। उच्चाधिकारियों द्वारा समझाए जाने के बाद भी उनकी लापरवाही में कोई सुधार नहीं आया। इसके आधार पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करते हुए गुरुवार को आदेश जारी कर दिया है।
बिजनौर के एसडीएम आदेश सिंह सागर पर आरोप है कि उन्होंने फिरोजाबाद में तैनाती के दौरान पीड़ित की जमीन का कुछ हिस्सा अपने कंप्यूटर अपरेटर के नाम कराते हुए चार लाख रुपये भी ले लिए। उसकी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था। उसने एसडीएम के यहां इसे खाली कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उसकी जमीन का कब्जा तो खाली नहीं कराया गया, बल्कि उसकी जमीन में हिस्सेदारी लेने के साथ पैसा ले लिया। उसकी शिकायत पर एडीएम स्तर से इसकी जांच कराई गई थी, लेकिन उसके संतुष्ट न होने पर मामला शासन को भेज दिया गया। शासन स्तर से उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।