यूपी सरकार प्रदेश में बंद पड़े या फिर सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों को तोड़कर सिनेमा घर के साथ व्यावसायिक कांप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स बनाने को बढ़ावा देने के लिए पांच साल के लिए फिर से नीति लेकर आई है। इसे बनाने वालों को एसजीएसटी में 100 से लेकर 50 फीसदी तक अनुदान स्वरूप छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
प्रदेश में वर्ष 2017 में इस तरह की नीति सरकार लेकर आई थी, जो मार्च 2020 में समाप्त हो गई है। इसलिए जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फिर से नीति लाई गई है। सिनेमाघर या मल्टीप्लेक्स द्वारा राजकोष में जमा की गई एसजीएसटी से प्रस्तावित अनुदान दिया जाएगा, जिससे राज्य सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा। योजना जारी होने की तिथि से पांच साल के अंदर बंद या संचालित सिनेमाघर को तोड़कर व्यावसायिक कांप्लेक्स और आधुनिक सिनेमाघर के निर्माण पर तीन साल तक सौ फीसदी एसजीएसटी माफ होगा। इसके अगले दो सालों तक यह 75 फीसदी माफ होगा।
इसी तरह चल रहे सिनेमा हाल की आंतरिक संरचना में बदलाव कर पुन: चलाने या स्क्रीन की संख्या में वृद्धि पर तीन साल का 75 और अगले दो सालों तक 50 फीसदी एसजीएसटी माफ होगा। बंद एकल सिनेमाघरों को बिना किसी आंतरिक संरचना में बदलाव करने उसी स्थिति में पुन: चालू करने पर तीन साल तक 50 फीसदी एसजीएसटी माफ होगा। इसके लिए 31 मार्च 2025 तक डीएम से लाइसेंस प्राप्त करना होगा। व्यावसायिक गतिविधियों के साथ न्यूनतम 75 सीट एकल स्क्रीन सिनेमाघर के निर्माण पर तीन साल 100 और आगामी दो साल 50 फीसदी एसजीएसटी माफ होगा।
जिन जिलों में एक भी मल्टीप्लेक्स नहीं हैं, वहां इसे खुलवाने पर पांच साल एसजीएसटी माफ होगा। जहां मल्टीप्लेक्स चल रहा है, वहां नए के निर्माण पर तीन साल एसजीएसटी माफ होगा और दो साल 50 फीसदी देना होगा। सिनेमाघर या मल्टीप्लेक्स के उच्चीकरण के लिए निवेश की गई वास्तविक धनराशि का 50 एसजीएसटी माफ होगा।