यूपी के बहराइच से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पयागपुर तहसील के सोहरियांवा के मजरे नागेश्वर शुक्लपुरवा में राजस्व लेखपाल ने एक आशियाने को बुलडोजर से जमीदोंज कर दिया। इसके चलते पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गया है। पीड़ित ने बिना पूर्व सूचना व नोटिस के घर गिरा देने की शिकायत एसडीएम से की है। तहसीलदार पयागपुर को जांच सौंपी गई है। एसडीएम का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा।
थाने के नागेश्वरशुक्लपुरवा निवासी 60 वर्षीय राम उजागर गुप्ता पुत्र चिंता राम अपनी पत्नी 55 वर्षीय कामिनी देवी, बेटे 30 वर्षीय राम गोपाल, 22 वर्षीय पुत्र संजय, 15 वर्षीय बेटी सावित्री, 6 वर्षीय पौत्र आदित्य, 3 वर्षीय पौत्री प्रद्धया सहित सात लोगों के साथ घर में रहे थे। पीड़ित का कहना है कि कई दशक से वह परिवार सहित यहां रहते हैं। रास्ते की जमीन पर घर होने की सूचना लेखपाल की ओर से उन्हें नहीं दी गई, बल्कि लेखपाल सौरभ शर्मा शुक्रवार को बुलडोजर लेकर पहुंच गए। बिना समय दिए घर से लोगों को निकाल दिया और बुलडोजर से पूरे घर को ढहा दिया गया है।
पीड़ित का आरोप है कि नोटिस का हवाला देने पर सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ अभद्रता भी किया। बताया कि गांव के ही कुछ लोगों से रंजिश के चलते उनकी सह पर यह कार्रवाई हुई है। यदि रास्ते की भी भूमि होती तो उसे नोटिस जारी किया जाना चाहिए था। नोटिस तो दूर मौखिक पूर्व सूचना भी नहीं दी गई जिसके चलते मकान में गृहस्थी का सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया। पूरे गांव में केवल उसकी भूमि पर बना आशियाना ढहा दिया गया। लेखपाल के इस रवैए से पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है।
एसडीएम से की शिकायत
लेखपाल के रवैए पर पीड़ित ने एसडीएम को लिखित शिकायत की है। एसडीएम का कहना है कि प्रथम दृष्टया घर रास्ते की जमीन पर बना हुआ था। बावजूद शिकायत की तहसीलदार से जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर संबंधित लेखपाल से जवाब तलब किया जाएगा। इस मामले में एसडीएम दिनेश कुमार का कहना है कि उन्हें इस मामले की शिकायत मिली है। रास्ते की भूमि पर अतिक्रमण था। मामले की जांच हो रही है। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे कदम उठाया जाएगा।