यूपी सरकार ने फरियादियों की शिकायतों में लापरवाही को गंभीरता से लिया है। इसको लेकर प्रदेश के सभी डीएम को अब रोजाना रेंडम तरीके से दो अंसतुष्ट फीडबैक वाले आईजीआरएस प्रकरणों की समीक्षा कर जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही शिकायत निवारण करते वक्त भ्रामक आख्या लगाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की भी बात कही गई है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को सभी डीएम व कमिश्नर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी साप्ताहिक समीक्षा बैठक से पूर्व सभी जिलाधिकारियों द्वारा प्रथम शिकायत निस्तारणकर्ता अधिकारियों (एल-1) के साथ बैठक कर उन्हें समझाया जाए कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि आवश्यक है। इसके लिए निस्तारण से पूर्व अथवा निस्तारण के समय वह एक बार आवेदक से अवश्य बात करें अथवा मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति देखें। उन्होंने कहा कि एक बार पुनः शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में निरीक्षण कराया जाए और शत-प्रतिशत निराश्रित गोवंश को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाए।
पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि योजना के तहत प्रदेश में 25 लाख घरों के सोलराइजेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना में उत्तर प्रदेश को शीर्ष स्थान दिलाना है। उन्होंने 31 दिसम्बर, 2025 तक सभी शासकीय भवनों में सोलर पैनल लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि अब तक 52 डिस्ट्रिक कोर्टस, 958 सेकेण्डरी स्कूल, 26 कलेक्ट्रेट्स, 35 विकास भवन तथा 34 गवर्मेंट आईटीआई में ऑन ग्रिड सोलर प्लांट तथा 96 आश्रम स्कूल, 36 गवर्मेंट आईटीआई 42 कामन हेल्थ सेण्टर्स, 30 प्राइमरी हेल्थ सेण्टर्स, 31 कस्तूरबा गांधी गर्ल्स रेजीडेंसियल स्कूल में ऑफ ग्रिस सोलर प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण, प्रमुख सचिव पशुधन के. रवीन्द्र नायक, चेयरमैन यूपीपीसीएल आशीष कुमार गोयल, एमडी यूपीपीसीएल पंकज कुमार, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया सहित कई इस बैठक में शामिल हुए।