चित्रकूट. यूपी के चित्रकूट का पाठा अति पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है. यहां आदिवासी समाज के लोगों की संख्या भी ज्यादा है. पाठा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं और गंभीर बीमारियों से जुझ रहे हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक अनोखी पहल शुरू की है.
बच्चों के लिए एक पहल मिशन बाल संवर्धन अभियान की शुरूआत की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाकर कुषोषित बच्चों को चिह्नित कर रहे हैं और उनकी जांच कर नि:शुल्क इलाज कर रहे हैं. साथ ही जरूरत पड़ने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल भी भेज रहे हैं.
कुपोषित बच्चों को किया जाएगा चिह्नित
जानकारी के लिए बता दें कि चित्रकूट में आरबीएसके के डॉ. पवन और बाल विकास परियोजना अधिकारी अनुज प्रताप सिंह के सहयोग से एक पहल मिशन बाल संवर्धन अभियान की शुरुआत की गई है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा गांव में सेक्टर के अनुसार कैंप लगाकर वहां कुपोषित और अतिकुपोषित व बीमार बच्चों को चिह्नित करेंगे. इसके बाद बच्चों को गांव में ही नि:शुल्क ट्रीटमेंट देंगे और जरूरत पड़ने पर उनका अस्पतालों में इलाज करवाएंगे. बता दें कि यह अभियान पाठा को कुपोषित मुक्त होने तक चलेगा.
कैंप लगाकर कुपोषित बच्चों का किया जाएगा इलाज
चित्रकूट के आरबीएसके के डॉ. पवन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि पाठा क्षेत्र से लेकर पूरे जिले में बच्चों में कुपोषण होना गंभीर बीमारी है. इसके लिए सरकार के द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर बच्चों का इलाज भी किया जा रहा है. लेकिन, इस बार आरबीएसके और बाल विकास परियोजना की टीम के द्वारा गांव-गांव और सेक्टर के अनुसार कैंप लगाकर कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया जाएगा और उनका मौके पर ही नि.शुल्क में इलाज किया जाएगा. साथ ही जिन बच्चों के हालत में सुधार नहीं होगा तो उसको एनआरसी में भर्ती कराया जाएगा. इस अभियान के तहत जिला को कुपोषण से मुक्त किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 18:00 IST