नई दिल्ली. आमिर खान इन दिनों पर्दे से दूर अपने परिवार को अपना पूरा समय दे रहे हैं. दो साल पहले ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आए आमिर खान की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भले कमाल न दिखाई पाई हो, लेकिन फैंस को अपनी एक्टिंग से एक बार फिर वो मुरीद बना लिया. आमिर खान अब किसी फिल्म में नजर आएंगे, ये अभी पहली जैसा है. आप भी उनके फैंन हैं, तो आपने नोटिस किया होगा कि एक्टर किसी अवॉर्ड फंक्शन्स का हिस्सा सालों से नहीं बने हैं. लेकिन सवाल ये कि आखिर ऐसा क्यों?
आमिर खान किसी भी अवॉर्ड समारोह में शामिल नहीं होते हैं. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर हो या सुपरहिट, लेकिन आमिर अवॉर्ड समारोह में नहीं जाते. सालों रहले उन्होंने ये फैसला किया था और आज भी वह अपने इस फैसले पर अडिग हैं. आमिर आखिर ऐसा क्यों करते आ रहे हैं चलिए आप भी आज लीजिए.
32 साल पुराना है किस्सा
ये मसला करीब 32 साल पुराना है. दरअसल, आमिर साल 1992 की है. दरअसल, इस साल बॉलीवुड की तीन बड़ी फिल्में रिलीज हुई थीं. अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की ‘बेटा’, दूसरी अमिताभ बच्चन की ‘शहंशाह’ और तीसरी आमिर खान की ‘जो जीता वही सिकंदर’. तीनों ही फिल्में ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. आमिर को उम्मीद थी कि जैसा प्यार लोगों को फिल्म के रिलीज होने के बाद नजर आया है, वैसा ही कुछ फिल्मफेयर अवॉर्ड्स फंक्शन में भी देखने को मिलेगा. लेकिन एक्टर का दिल टूट गया.
‘बेटा’ के बाद ‘बाजीगर’ ने तोड़ा दिल
उम्मीदों पर पानी तब फिरा, जब अनिल कपूर को फिल्म ‘बेटा’ के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. आमिर को धक्का जरूर लगा था. लेकिन उन्हें इससे ज्यादा धक्का तब लगा जब अगले 2 सालों तक आमिर की फिल्में अवॉर्ड समारोहों में खारिज होती रहीं. ‘जो जीता वही सिकंदर’ के बाद आमिर खान की दो और जबरदस्त फिल्में रिलीज हुईं. पहली ‘हम हैं राही प्यार के’ और दूसरी ‘रंगीला’ और इन दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर दिखाया. लेकिन फिल्मफेयर से लेकर आईफा में ‘बाजीगर’ और ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ के लिए शाहरुख खान को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड हासिल ले गए.
साल 1992 में इन दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था.
‘मुझे अवॉर्ड्स पर यकीन ही नहीं’
ये भेदभाव एक्टर पचा नहीं पाए और उन्होंने ये फैसला कर लिया कि वो कभी भी अवॉर्ड समारोहों का हिस्सा नहीं बनेंगे. आमिर कई बार अपने इंटरव्यूज में इस बात को बयां किया है कि मुझे अवॉर्ड्स पर यकीन ही नहीं करते हैं.
सिर्फ राष्ट्रीय पुरस्कार सेरेमनी का हिस्सा बनते हैं आमिर
हालांकि, साल 1996 में फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी के लिए’ उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला. इसके बाद आमिर की फिल्मों ने कई अवॉर्ड जीते, लेकिन वह राष्ट्रीय पुरस्कार लेने के अलावा किसी प्राइवेट अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाते.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 14:25 IST