रेल और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर अब सुरक्षा एजेंसियां भी मामले से जुड़ गई हैं। पहली बार रेल और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर शनिवार को एटीएस अलीगढ़ जंक्शन पहुंची। एटीएस की मानें तो देश भर में घटित घटनाओं की पुनरावृति को रोकने को लेकर यह पहल की गई है। रामपुर, गोंडा, सूरत, बिहार और बंगाल में ट्रेन पलटाने की साजिश की आशंका सुरक्षा एजेंसियों और रेलवे अधिकारियों द्वारा की गई।
इन हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए गृह मंत्रालय से सुरक्षा एजेंसी एंटी टेररिस्ट स्वॉक्ड को लोकल इंटेलीजेंस मजबूत करने के निर्देश दिए गए है। इसी निर्देश के तहत एटीएस की टीम शनिवार को अलीगढ़ जंक्शन पहुंची। जहां आरपीएफ और जीआरपी से समन्वय बनाते हुए एक ग्रुप को तैयार किया गया। वहीं रेल अधिकारियों ने मिलकर एटीएस ने रेलवे डेमोग्राफिक भी तैयार किया। किस समुदाय वर्ग के लोग किस रेलवे लाइन के करीब हैं। इसकी पूरी जानकारी ली गई।
सीसीटीवी कैमरे पर एटीएस की नजर
रेलवे जंक्शन और रेलवे यात्री की कितने सुरक्षित है। इसका जायजा लेने के लिए एटीएस ने सीसीटीवी कैमरों की जानकारी मांगी। आरपीएफ द्वारा रेलवे सेक्शन और यार्ड में लगे कैमरों की जानकारी विधिवत दी गई। रेलवे परिसर में करीब 45 और यार्ड में 20 कैमरों से निगरानी की जा रही है। वहीं पार्किंग और पार्सल में लगे निजी कैमरों की भी जानकारी ली गई। यही नहीं सोमना, कलुआ, मेहरावल और आउटर स्टेशन पर मौजूद हर एक कर्मचारी और अधिकारी का संपर्क नंबर लोकल इंटेलीजेंस को मजबूत करने के लिए दर्ज किया गया।
स्टेशन के पास के होटलों में निगरानी
एटीएस के मुताबिक हाल की घटनाओं में बिहार, झारखंड और जम्मू एंड कश्मीर संदिग्ध पकड़े गए हैं। एटीएस द्वारा रेलवे स्टेशन के समीप होटल, गेस्ट हाउस, पीजी में लंबी अवधि से रह रहे लोगों पर पर नजर है। ऐसे लोगों की जांच के लिए कभी सर्वे किया जा सकता है। लोकल पुलिस के साथ मिलकर समन्वय स्थापित किया जा रहा है। एटीएस का मानना है कि लोकल इंटेलीजेंस जितना मजबूत होगा, सूचना जल्द मिलेगी। इस मामले आरपीएफ अलीगढ़ जंक्शन इंस्पेक्टर राजीव वर्मा ने बताया कि एटीएस की टीम अलीगढ़ जंक्शन पर आई थी। देशभर में ट्रेन पलटाने की साजिश को देखते हुए अलीगढ़ भी सतर्क है। एटीएस की टीम लोकल इंटेलिजेंस को मजबूत और समन्वय बढ़ाने के उद्देश्य से जानकारी लेकर गई है।