विलमिंगटन (अमेरिका): क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-गाजा संघर्ष का नाम लिए बिना पूरी दूनिया को बड़ा संदेश दिया है। पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था के अनुरूप संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की बात कहकर एक बार फिर ये जता दिया कि भारत किसी भी देश के क्षेत्रीय अखंडता और उसकी संप्रभुता के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने चीन को भी बातों ही बातों में सख्त संदेश दे डाला। जिस क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विशेष तौर पर चीन के खिलाफ खड़ा किया गया है, उसके अस्तित्व को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह संगठन हमेशा स्थिर रहने वाला है।
यानि चीन को यह संदेश दे दिया कि दुनिया के चार शक्तिशाली देशों की ओर से खड़ा किया गया यह संगठन कमजोर नहीं पड़ने वाला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब विश्व तनावों और संघर्षों से घिरा हुआ है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का मिलकर साथ चलना पूरी मानवता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्वाड का मिलकर साथ चलना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा-हम किसी के खिलाफ नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। मुक्त, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है। हमने साथ मिलकर स्वास्थ्य, सुरक्षा, महत्वपूर्ण, उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की हैं।
हमारा संदेश स्पष्ट है- ‘क्वाड यहाँ रहने, सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है।’ मैं एक बार फिर राष्ट्रपति बाइडेन और अपने सभी साथियों का अभिवादन करता हूं को बधाई देता हूँ। हमें 2025 में क्वाड लीडर्स समिट का आयोजन भारत में करने में खुशी होगी।”
बाइडेन ने कहा-अमेरिका में नई सरकार के बाद भी रहेगा क्वाड
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से जब यह पूछा गया- “क्या नवंबर में होने वाले चुनावों के बाद भी क्वाड कायम रहेगा?” तो उन्होंने कहा, “नवंबर से भी आगे।” अमेरिकी राष्ट्रपति सम्मेलन की शुरुआत करते कहा, “…अपने राष्ट्रपति पद के पहले दिनों में, मैंने आप सभी से, आपके प्रत्येक राष्ट्र से संपर्क किया और प्रस्ताव दिया कि हम क्वाड को आगे बढ़ाएं। इसे और भी महत्वपूर्ण बनाएं। 4 साल बाद, हमारे चार देश पहले से कहीं ज़्यादा रणनीतिक रूप से एकजुट हैं।
आज हम इंडो-पैसिफिक के लिए एक वास्तविक सकारात्मक प्रभाव देने के लिए पहलों की एक श्रृंखला की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीकें प्रदान करना शामिल है। ताकि वे जान सकें कि उनके जलीय क्षेत्र में क्या हो रहा है। पहली बार तट रक्षकों के बीच सहयोग शुरू करना और दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फ़ेलोशिप का विस्तार करना इसमें शामिल है।
एंथनी ने कहा-मुझे पीएम मोदी की मेजबानी का इंतजार
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा, “दोस्तों के बीच यहां होना बहुत ही सुखद है। प्रधानमंत्री मोदी अगले साल हमारी मेज़बानी करेंगे और मैं भी इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ। कुछ अंतर्राष्ट्रीय मंचों के विपरीत, क्वाड का इतिहास बहुत लंबा नहीं है। मगर यह विकसित हो सकता है और मेरा मानना है कि यही हो रहा है। हम इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो मानव इतिहास में दुनिया का सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला क्षेत्र है।
किशिदा ने किया खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि “इंडो-पैसिफिक के भविष्य पर चर्चा करने के लिए क्वाड के नेताओं के साथ मिलना खुशी की बात है। हमारे आस-पास का सुरक्षा वातावरण लगातार गंभीर होता जा रहा है और कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था खतरे में है। इस पृष्ठभूमि में, हमारे लिए, क्वाड के लिए, जो स्वतंत्रता और लोकतंत्र जैसे मूल्यों को साझा करते हैं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के हमारे साझा दृष्टिकोण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना जारी रखना और भी महत्वपूर्ण है।