वाराणसी के यूपी कॉलेज पर सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के दावे का मुद्दा एक बार फिर गरमाया 2018 में यूपी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने कॉलेज कैंपस पर दवा ठोकते हुए एक पत्र भेजा था 6 साल बाद एक बार फिर यह मुद्दा चर्चाओं में है, जिसके बाद पुराने छात्रों में आक्रोश
वाराणसी. संसद के वर्तमान सत्र में केंद्र की मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल लेकर आने वाली है. इसके पक्ष-विपक्ष में पूरे देश में माहौल गरम हैं. ऐसे में वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज यानी यूपी कॉलेज को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ की तरफ से उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) की जमीन को वक्फ की संपत्ति होने का दावा की बात सामने आई है. इस दावे से जुड़ा नोटिस 2018 में ही दिया गया था. लेकिन 6 साल बाद एक बार फिर यह मुद्दा क्यों चर्चा में है, इसकी पड़ताल न्यूज़ 18 ने की.
दरअसल, 2018 में 115 वर्ष पुरानी संस्थान पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के सहायक सचिव आले अतीक ने वक्फ एक्ट 1995 के तहत 2018 में कालेज प्रबंधक को नोटिस भेजा. उसके बाद प्रबंध कमेटी की ओर से इसका जवाब भी दे दिया गया था. करीब दो साल पहले परिसर में स्थित मजार में निर्माण को लेकर भी मामला गरमाया था, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया था. यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ डीके सिंह बताते हैं कि 6 दिसंबर को यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से नोटिस देकर कॉलेज की जमीन पर दावा किया गया था. जिसका जवाब 21 दिसंबर 2018 को दिया गया था.
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कॉलेज के सैकड़ों एकड़ जमीन पर किया था दावा
डॉ डीके सिंह ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से सैकड़ों एकड़ में फैले यूपी कॉलेज कैंपस पर दावा ठोका था. जिसका जवाब देकर बताया गया था कि इस कॉलेज की स्थापना इंडोनमेंट ट्रस्ट के द्वारा की गई है. ट्रस्ट की जमीन न तो खरीदी जा सकती है और न ही बेची जा सकती है. उन्होंने बताया कि इस जवाब के बाद बोर्ड की तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आया. हालांकि इस बीच एक मस्जिद का निर्माण कार्य इन लोगों द्वारा शुरू करवाया गया. इस मामले में तुरंत कॉलेज प्रबंधन द्वारा थानाध्यक्ष शिवपुर को अवगत करवाते हुए निर्माण सामाग्री को मौके से हटवाया गया. मस्जिद में बिजली भी यूपी कॉलेज के कनेक्शन से चल रही थी, जिसे भी अब हटवा लिया गया है. अब उन्हें नया कनेक्शन नहीं मिल पा रहा क्योंकि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है.
सीएम योगी ने कही थी यूनिवर्सिटी बनाने की बात
मामला सामने आने के बाद पुराने और वर्तमान छात्रों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. अचानक से एक बार फिर इस मामले ने तूल पकड़ा है. गौरतलब है कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की बात कही थी.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 10:14 IST