बहराइच में भेड़िए के साथ ही यूपी के कई शहरों में सियार और कुत्तों की दहशत फैली है। प्रयागराज में तो आवारा कुत्तों से बचने के लिए एसआरएन अस्पताल के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया।
यूपी के कई शहरों में इन दिनों आवारा कुत्तों की दहशत फैली है। प्रयागराज की बात करें तो यहां आवारा कुत्तों ने पिछले दिनों कई लोगों पर हमला बोलकर घायल कर दिया। जिसके चलते इनसे निपटने के लिए स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल में 10 बंदूकधारी सुरक्षाकर्मियों सहित कुल 40 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। एसआरएन अस्पताल के एक अधिकारी ने शनिवार को इन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पुष्टि की। यह सुरक्षाकर्मी उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं, जिनके साथ मेडिकल कॉलेज ने एक अनुबंध किया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 22 अगस्त, 2024 के आदेश के अनुपालन में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने 18 सितंबर, 2024 को अपने हलफनामे दाखिल किए जिसमें अस्पताल में 40 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की योजना का जिक्र किया गया था। इससे पूर्व, उच्च न्यायालय ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसआरएन अस्पताल में चूहों की समस्या का स्वतः संज्ञान लिया था। हालांकि, सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि एसआरएन में आवारा कुत्ते भी एक बड़ी समस्या है और इन पर अस्पताल का कोई नियंत्रण नहीं है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। हलफनामे के मुताबिक प्रयागराज के नगर आयुक्त से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाने का अनुरोध किया गया है। वहीं, अस्पताल के टूटे हुए दरवाजों और प्रवेश बिंदुओं को ठीक किया जा रहा है ताकि इस समस्या से निपटा जा सके। अदालत ने उन विभागों में जहां महिला डॉक्टरों के लिए अलग ड्यूटी कक्ष नहीं है, उनके निर्माण की योजना के संबंध में एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक को अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर, 2024 को करेगी।